जुर्म
‘श्रीराम का नाम जपते-जपते मरा मेरा भाई’-कर्नाटक में मारे गए हर्षा की बहन का छलका दर्द
कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर फेसबुक पोस्ट के बाद मौत के घाट उतारे गए बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के पीछे धीरे-धीरे हर एंगल सामने आने लगा है। कर्नाटक मंत्री के बयान के बाद इस मामले पर हर्षा की बहन का पक्ष सामने आया है। हर्षा का कहना है कि उनका भाई हिंदुओं के लिए और जय श्रीराम का नाम जपते-जपते मरा।
मीडिया से बात करते हुए हर्षा की बहन ने कहा, “मुझे नहीं पता कि हमें न्याय मिलेगा या नहीं। हमारे भाई (अन्य हिंदू कार्यकर्ता) जानते हैं कि हत्या के लिए न्याय कैसे मिलता है। मेरा भाई हिंदुओं, जय राम और श्री राम के लिए मरा।”
उन्होंने कहा, ‘मेरा छोटा भाई मर गया क्योंकि वो जय श्रीराम बोलता था। वो गया क्योंकि वो हिंदू हर्षा था। कल रात वह खाना खाने गया। करीब साढ़े 8 बढ़े हमें एक वीडियो आई और लोगों ने बताया कि मेरा भाई मार दिया गया है। विश्वास नहीं होता कि लोग इतने क्रूर कैसे हो जाते हैं। क्या उनके पास बच्चे नहीं है। मैं प्रार्थना करती हूँ कि हिंदू-मुस्लिम समुदाय का हर युवा अच्छा बच्चा बने। बाकी का भूल जाओ।’
उत्तर प्रदेश
मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट
कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।
इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।
मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।
संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।
संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को
अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।
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