अन्तर्राष्ट्रीय
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कैंसिल की अपनी शादी, कोरोना के मद्देनज़र लिया ये फैसला
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने कोरोना के चलते एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र अपनी शादी कैंसिल कर दी है। जेसिंडा ने एक प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए इसकी घोसड़ा की है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस तरह के परिदृश्य में फंसने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए खेद है। आपको बता दें कि अर्डर्न ने अपनी शादी की तारीख का खुलासा नहीं किया था।
उनसे जब सवाल किया गया कि अपनी शादी कैंसिल करने पर उन्हें कैसा महसूस हो रहा है तो प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि ‘जीवन ऐसा ही है।’ जेसिंडा ने कहा, ‘मैं इससे अलग नहीं हूं। मैं यह कहने की हिम्मत करती हूं। न्यूजीलैंड के हजारों अन्य लोग ने महामारी से बहुत अधिक विनाशकारी प्रभाव महसूस किए हैं। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब कोई अपना गंभीर रूप से बीमार होता है।’
बता दें कि न्यूजीलैंड में उत्तरी से लकर दक्षिणी द्वीपों में फैले कोरोना के संक्रमण को देखते हुए रविवार आधी रात से कोविड गाइडलाइंस को सख्त कर दिया गया है। लोगों के लिए मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या को भी कम कर दिया गया है।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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