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अन्तर्राष्ट्रीय

यूनाइटेड किंगडम में मास्क पहनना नहीं होगा अनिवार्य, कोरोना के प्रतिबंध हटाए गए

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यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा- ‘यूके में कोविड-19 को लेकर लगाए गए अधिकतर प्रतिबंध अगले हफ्ते हटा लिए जाएंगे। 24 जनवरी से कोविड आइसोलेशन का समय घटकर केवल पांच दिन रह जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘कोरोन वायरस का ओमीक्रॉन वेरिएंट हल्का नहीं है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाई है, उन्हें एहतियात बरतने की जरूरत है।’ साथ ही उन्होंने कोरोना से जुड़े प्लान बी को हटा कर प्लान ऐ लागू करने की भी घोषणा की।

जॉनसन ने ब्रिटिश संसद को यह भी बताया कि लोगों को घर से काम करते समय बंद जगहों पर मास्क नहीं पहनना होगा और सार्वजनिक स्थानों जैसे नाइटक्लब, दुकान या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी नहीं दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि ब्रहस्पत्वार से यूके के स्कूलों में मास्क पहनना अनिवार्य नहीं होगा।

जॉनसन ने कहा कि ‘यह कदम देश में एक सफल मास बूस्टर जैब कार्यक्रम के बाद उठाया जा रहा है। पूरे यूरोप में कई देशों ने सर्दियों के लॉकडाउन को खत्म कर दिया है। हमारे वैज्ञानिकों का मानना ​​​​है कि ओमीक्रॉन लहर अब राष्ट्रीय स्तर पर चरम पर है। कोविड के लिये लागू किये गए बी प्लान में जिस तरह से जनता ने सहयोग किया, उसकी वजह से हम प्लान ए में वापस आ सकते हैं।’

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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