अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी हुए इटली और ब्रिटेन के लिए रवाना, G-20 और COP-26 में लेंगे भाग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर को G20 मीट और COP-26 वर्ल्ड लीडर्स समिट में भाग लेने के लिए इटली और यूनाइटेड किंगडम के लिए रवाना हुए। पीएम मोदी ने कहा कि ‘रोम में महामारी से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा करेंगे, जबकि ग्लासगो में हम कार्बन स्पेस के समान वितरण सहित जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालेंगे।’
इटली के बाद जाएंगे यूनाइटेड किंगडम
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हम इटली के प्रधान मंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29-31 अक्टूबर तक रोम और वेटिकन सिटी का दौरा करेंगे, जिसके बाद निमंत्रण पर 1-2 नवंबर से यूके के ग्लासगो की यात्रा करेंगे।’ मोदी ने कहा, ‘रोम में, मैं 16वें G20 लीडर्स समिट में भाग लूंगा, जहां मैं अन्य G20 नेताओं के साथ वैश्विक आर्थिक और महामारी से स्वास्थ्य सुधार, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा में शामिल होऊंगा।’
विमान में सवार होने की एक तस्वीर की ट्वीट
शुक्रवार की सुबह, मोदी ने अपने कार्यालय के साथ यात्रा की शुरुआत की। जिसमें उन्होंने जी 20 रोम शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के लिए एक विमान में सवार होने की एक तस्वीर ट्वीट की।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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