अन्तर्राष्ट्रीय
तालिबान के शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी का विवादित बयान, कही ये बात
नई दिल्ली। तालिबानी शासन में अफ़ग़ानिस्तान में लगातार बदलाव आते जा रहे हैं। चाहे वो रोज़मर्रा की ज़िन्दगी हो या कामकाज, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद से जनता का जीना दूभर हो चुका है।
कुछ वक़्त पहले विश्विद्यालयों में महिलाओं के पढ़ने पर रोक लगाई गई थी।अब इसी कड़ी में तालिबान ने एक बड़ा एलान किया है। तालिबान ने कहा है कि ‘साल 2000 से 2020 के बीच हाईस्कूल करने वाले लोगों की डिग्री बेकार है।’
Also Read-Facebook, WhatsApp और Instagram का सर्वर हुआ ठप, जानिए कारण
तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा, ‘ देश में साल 2000 से 2020 के बीच हाई-स्कूल करने वाले किसी भी काम के नहीं है।’ शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मंत्री ने कहा ‘शिक्षकों को नियुक्त करना चाहिए जो छात्रों और आने वाले पीढ़ियों में मूल्यों की शिक्षा दे सके।
अफगानिस्तान भविष्य में इनकी प्रतिभा का उपयोग कर सके। आधुनिक अध्ययन के मास्टर्स और पीएचडी धारक उन लोगों की तुलना में कम मूल्यवान है, जिन्होंने मदरसों में अध्ययन किया है।’
तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने दिया विवादित बयान
तालिबान लगातार अफगानिस्तान की जनता के लिए फरमान निकलता जा रहा है। बता दें कि हालही में तालिबान सरकार ने यूनिवर्सिटी के लिए नए कुलपति नियुक्त किए थे। साथ ही लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर भी रोक लगते हुए सरकार ने कक्षाओं में परदे लगवा दिए थे। इस अजीब फैसले की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं, जिनसे तालिबान की दक़ियामुसी सोच का पता चलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
-
लाइफ स्टाइल15 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल3 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल2 days ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
नेशनल3 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
मनोरंजन3 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
नेशनल2 days ago
‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान
-
नेशनल2 days ago
लोकसभा चुनाव: यूपी की 13 सीटों पर वोटिंग जारी, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर