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प्रादेशिक

यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के 77 आपराधिक मामले लिए वापस

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लखनऊ। यूपी सरकार ने मुज़फ्फरनगर दंगों से जुड़े 77 आपराधिक मामले वापस ले लिए हैं। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को बिना कोई कारण बताये दी गई है। यही नहीं राज्य सरकार ने कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में सभी मामलों के लिए उचित कारण बताने के साथ दोबारा आदेश जारी करने की मांग भी की है। इसके अलावा प्रयागराज हाईकोर्ट से सभी आदेशों की समीक्षा करने की अपील की है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबे समय से दर्ज विचाराधीन आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए कोर्ट में तेज़ी से सुनवाई चल रही है। इससे पहले कोर्ट ने सभी राज्यों में अनिर्णित मामलों की जानकारी भी मांगी थी और यह निर्देश दिया था कि बिना हाई कोर्ट की अनुमति लिए सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामले राज्य सरकार वापस नहीं ले सकती।

इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किए गए सीनियर एडवोकेट विजय हंसारिया ने कोर्ट को पिछली सुनवाई में ही जानकारी दे दी थी कि यूपी सरकार कई वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों के ऊपर मुजफ्फरनगर दंगे में विचाराधीन मामलों को वापस लेने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि तमाम राज्य सरकारों ने अपनी पावर का गलत उपयोग करते हुए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत दर्ज मुकदमों को वापस ले लिए थे।

सीनियर एडवोकेट हंसारिया के मुताबिक 2013 मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर 510 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से 175 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। साथ ही 165 मुकदमों में क्लोजर रिपोर्ट लगाई गई थी। जबकि 170 मुकदमों को निरस्त कर दिया गया था। जिसमें से उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े कुल 77 मामले वापस लेने का आदेश जारी कर दिया। इनमें से कई मामले सांसदों और विधायकों से जुड़े हैं।

बता दें की राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रिपोर्ट में दरखास्त करते हुए कहा है कि सभी मामलों के लिए अलग-अलग कारण बताते हुए आदेश जारी करे और यह बताए कि क्या यह मुकदमा बिना किसी ठोस आधार और दुर्भावना के तहत दर्ज कराया गया था। इस रिपोर्ट में कोर्ट को दूसरे राज्यों के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया गया है कि कर्नाटक में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ 62, केरल में 36, तेलंगाना में 14 और तमिलनाडु में चार मुकदमे बिना कोई कारण बताए वापस लिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

यूपी के जौनपुर में बीजेपी नेता व पत्रकार की गोली मारकर हत्या

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जौनपुर। यूपी के जौनपुर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक का नाम आशुतोष श्रीवास्तव है। वो भाजपा के सक्रिय सदस्य होने के साथ ही सुदर्शन न्यूज के पत्रकार थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशुतोष श्रीवास्तव सुबह बाइक से प्रचार के लिए निकले थे। सुबह करीब नौ बजे एक अज्ञात बाइक सवार ने उन्‍हें रोका और चार अन्य लोग भी वहां आ गए। उन्होंने भाजपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। आशुतोष को शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद शाहगंज विधायक रमेश सिंह और अन्य भाजपा नेता भी वहां पहुंच रहेे हैं। क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान ने बताया कि हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

 

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