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प्रादेशिक

कोरोना संक्रमण पूरी तरह नहीं हुआ समाप्त, थोड़ी लापरवाही भी पड़ सकती है भारीः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड संक्रमण से बचाव और उपचार के सम्बन्ध में ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति को प्रभावी ढंग से लागू रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इस सम्बन्ध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इसे ध्यान में रखकर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन सुनिश्चित कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 33 नए मामले सामने आये हैं। इसी अवधि में 64 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 857 है। पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में कुल 2,27,740 कोरोना टेस्ट किये गये। राज्य में अब तक कुल 06 करोड़ 42 लाख 77 हजार 972 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि जनपद अलीगढ़, बदायूं, बस्ती, बहराइच, एटा, फतेहपुर, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महोबा और श्रावस्ती में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। यह सभी जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों के दृष्टिगत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर सम्पन्न किया जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 के निर्माण की कार्यवाही पूरी गति से संचालित है। मेडिकल कॉलेजों में अब तक 6,522 से अधिक पीकू/आइसोलेशन बेड तथा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में लगभग 3,000 पीकू/आइसोलेशन बेड स्थापित किये जा चुके हैं। राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों को दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 549 ऑक्सीजन संयंत्रों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 234 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापना के पश्चात क्रियाशील हो गये हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में भविष्य के आकलनों के दृष्टिगत बड़ी संख्या में कोरोना वैक्सीनेशन कराये जाने पर बल देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की निरन्तर एवं पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कोरोना टीकाकरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए। टीकाकरण का कार्य निर्बाध एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए। कोविड वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि गत दिवस तक प्रदेश में 04 करोड़ 44 लाख 12 हजार 776 वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेशवासियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना की जाए, जिसमें एक प्रशिक्षित पैरामेडिक्स की तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कई औद्योगिक समूह तथा सामाजिक संस्थाएं प्रदेश में योगदान देना चाहती हैं। इनका उपयोग हेल्थ ए0टी0एम0 की स्थापना में किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 09 जनपदों में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के अवशेष कार्याें को तेजी से पूरा किया जाए। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में एक नोडल अधिकारी को तैनात किया जाए। जनपद अयोध्या के समग्र विकास के कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार की जाए। इसके लिए सभी परियोजनाओं को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सभी कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण किये जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनसमस्याओं व शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए तहसील दिवस और थाना दिवस का आयोजन प्रारम्भ किया गया है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस तथा थाना दिवस के आवेदन पत्रों का निस्तारण एक सप्ताह में अवश्य हो जाए। जनता की संतुष्टि ही अधिकारियों की कुशलता का मानक है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आई0जी0आर0एस0 के प्रकरणों का भी प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से सभी जनपदों में वरिष्ठ नागरिकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनकी मदद की जाए। उन्होंने कहा कि बहुत से वरिष्ठ नागरिक ऐसे हैं, जिनके परिवारीजन काफी दूर रहते हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार उन्हें मदद प्रदान करने का कार्य कर रही है।

उत्तर प्रदेश

योगी कैबिनेट ने दी नई स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी

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लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। वहीं समूह ग और घ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं। मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कुल 42 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए लेनी होगी मंजूरी

कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्राविधानों का अनुसरण किया गया है। इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में 7 वर्ष और जनपद में 3 वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके साथ ही समूह क और ख में स्थानांतरण संवर्ग वार अधिकारियों की संख्या अधिकतम 20 प्रतिशत होगी और समूह ग और घ के लिए अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने बताया कि समूह ग और घ के लिए जो व्यवस्था की गई है उसके अनुसार सबसे पुराने अधिकारियों का पहले स्थानांतरण किया जाएगा। यदि 10 प्रतिशत से ऊपर स्थानांतरण करना होगा तो इसके लिए मंत्री जी की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण करने की आवश्यकता होगी तो उसकी अनुमति मुख्यमंत्री जी से लेना आवश्यक होगा।

मानव संपदा के माध्यम से डिजिटाइज होगा स्थानांतरण

उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटाइज किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों और 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए पहले से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसके अंतर्गत वहां रिक्त पड़े पदों को भरने की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

एक दिन पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ

कैबिनेट ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई या एक जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेचुयुटी में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।

विश्वविद्यालयों के नामों में संशोधन, 2 निजी विश्वविद्यायलों को एलओआई

योगी सरकार ने प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों के नामों में भी मामूली संशोधन किया गया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार इन विश्वविद्यालयों के नाम से राज्य शब्द को हटाया गया है। महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का नाम अब महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ होगा। इसी तरह मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर से भी राज्य शब्द को हटाने को मंजूरी दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में उच्च शिक्षा गृहण कर सकें। इसके लिए सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालय को भी प्रमोट किया जा रहा है। इसी क्रम में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसमें एचआरआईटी गाजियाबाद और दूसरा फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली है। इन दोनों ने अपने सभी मानक पूरे कर लिए हैं।

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