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मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी, पुरोहित से मकोका हटा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित समेत 5 आरोपियों के ऊपर से मकोका हटा लिया। कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित दूसरे आरोपियों को जमानत के लिए विशेष अदालत जाने के लिए कहा है, जो इस मामले की सुनवाई कर रही है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत को निर्देश दिया है कि वह आरोपियों की जमानत के आग्रह पर एक माह के अंदर विचार करे।

न्यायमूर्ति एमएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने आरोपियों को निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसका फैसला एक महीने के अंदर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक आरोपी को छोड़कर अन्य विचाराधीनों की जमानत याचिका पर फैसला करते समय मकोका के प्रावधानों पर विचार न किया जाए। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल श्रींकांत प्रसाद पुरोहित, सुधाकर धर द्विवेदी, अजय एकनाथ राहिकर व शिव नारायण गोपाल सिंह कलसंगरा के खिलाफ मकोका के तहत लगाए गए आरोपों को खत्म कर दिया। कोर्ट ने सिर्फ एक आरोपी राकेश डी धावड़े के खिलाफ मकोका नहीं हटाया है।

कोर्ट ने अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि मालेगांव विस्फोट के आरोपियों और परभानी एवं जालना बम विस्फोट मामले के तार आपस में जुड़े होने के सबूत नहीं हैं, लेकिन राकेश डी. के तार परबानी एवं जालना बम विस्फोट से जुड़े होने के सबूत हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाके में साध्वी प्रज्ञा आरोपी है। इस धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 100 अन्य घायल हो गए थे। साध्वी को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार करने के बाद मकोका लगा दिया था।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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