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मनोरंजन

कोरोना से जंग हार गया एक्टर, अंतिम पोस्ट में लिखा था- मुझे भी इलाज मिल जाता तो मैं बच जाता

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नई दिल्ली। एक्टर राहुल वोहरा का रविवार को निधन हो गया। वह कोरोना से संक्रमित थे। डायरेक्ट अरविंद गौड़ ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी। राहुल कई दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे थे। उन्होंने शनिवार को अंतिम पोस्ट किया था।

अपनी आखिरी पोस्ट में उन्होंने बेहतर इलाज के लिए अपील की थी। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘मुझे भी अच्छा ट्रीटमेंट मिल जाता तो मैं भी बच जाता तुम्हारा राहुल वोहरा।’ राहुल ने आगे लिखा, ‘जल्द जन्म लूंगा और अच्छा काम करूंगा। अब हिम्मत हार चुका हूं।’

अरविंद गौर ने रविवार को अपने फेसबुक एकाउंट पर राहुल वोहरा के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि ‘राहुल वोहरा चला गया। मेरा होनहार एक्टर अब नहीं रहा। कल ही राहुल ने कहा था कि “मुझे अच्छा इलाज  मिल जाता तो मैं भी बच जाता। कल शाम ही उसे राजीव गांधी हास्पिटल से आयुष्मान, द्वारका में शिफ्ट किया गया, पर.. राहुल हम सब तुम्हें नहीं बचा पाए, माफ करना, हम तुम्हारे अपराधी हैं। आखिरी नमन।’

मनोरंजन

नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट

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मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।

इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’

उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’

 

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