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बालश्रम और भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चों का बचपन संवारेगी योगी सरकार, स्कूल में एडमिशन के साथ देगी आर्थिक मदद
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने मिशन शक्ति अभियान के तहत बालश्रम और भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चों को चिन्हित करने का कार्य शुरू हो गया है। इसके तहत गरीब बच्चों का बचपन संवारा जाएगा। सरकार ऐसे बच्चों का प्राथमिक विद्यालयों में एडमिशन तो कराएगी ही। साथ ही उन्हें आर्थिक मदद भी मदद भी मुहैया करवाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इस कार्य को शुरू किया गया है।
लखनऊ मंडल के मुख्य परिवीक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार पांडे ने बताया कि इस कार्य में श्रम विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीमें बच्चों को चिन्हित कर उनका सर्वेक्षण कर रहीं हैं। इनका दाखिला कराने संग हाइजिन किट और बच्चों को खाद्य सामग्री बांटी जा रही है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान की इस माह की थीम को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से इस कार्ययोजना को तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान के जरिए बच्चों को सरकारी योजना का लाभ दिलवाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को शहर के चौराहों, ब्लॉक को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके तहत चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति समेत 50 एनजीओ ने राजधानी के 31 चौराहों को गोद लिया है। गोद लेने की प्रक्रिया के शुरू होने से संस्थाओं द्वारा चिन्हित बच्चों को योजना का लाभ सीधे तौर पर मिल रहा है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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