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पति का फर्ज़ी पासपोर्ट बनवा प्रेमी के साथ ऑस्ट्रेलिया घूमने गई महिला, लॉकडाउन में फंसी तो खुला राज़

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पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला अपने पति का जाली पासपोर्ट बनवाकर अपने प्रेमी के साथ ऑस्ट्रेलिया घूमने चली गई। इस बात का खुलासा तब हुआ जब महिला के पति ने पासपोर्ट कार्यालय जाकर पासपोर्ट के लिए जानबूझकर आवेदन किया। वहां उसे पासपोर्ट अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उसके नाम से 2 फरवरी, 2019 को पासपोर्ट जारी किया जा चुका है। महिला के पति ने इस बाबत अपनी पत्नी और प्रेमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।

मिली जानकारी के मुताबिक़, महिला और उसके प्रेमी को मार्च में भारत लौटना था, लेकिन भारत में सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें बंद होने के कारण वे वहीं फंसे रह गए और 24 अगस्त को वापस लौटे। दामगढ़ी गांव के निवासी और मुंबई में काम करने वाले महिला के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि उसकी पत्नी और संदीप सिंह के अवैध संबंध हैं। साथ ही पति ने यह आरोप भी लगाया कि पत्नी ने प्रेमी के साथ ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए उसके (पति के) दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जाली पासपोर्ट बनवाया। इस दंपत्ति का एक बच्चा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ता है।

पुलिस अधीक्षक, जय प्रकाश यादव ने पति की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज कर स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) द्वारा मामले की जांच करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता के अनुसार, वह पिछले 20 वर्षों से मुंबई में काम कर रहा है और कभी-कभी अपनी पत्नी से मिलने आता है, जो फार्महाउस में रहकर पुश्तैनी जमीन की देखभाल करती है।

पति ने कहा, ‘जब मैं 18 मई को पीलीभीत लौटा तो मेरी पत्नी घर पर नहीं थी. संदीप के परिवार से पता चला कि दोनों ऑस्ट्रेलिया गए थे। यह पता लगाने के लिए कि क्या संदीप ने ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए मेरे दस्तावेजों को इस्तेमाल किया है, मैंने बरेली स्थित पासपोर्ट कार्यालय में 24 अगस्त को पासपोर्ट के लिए जानबूझकर आवेदन किया. मेरा संदेह सही निकला और पासपोर्ट अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मेरे नाम से 2 फरवरी, 2019 को पासपोर्ट जारी किया जा चुका है।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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