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लॉकडाउन से सबसे ज्यादा गरीब परेशान, 100 किलोमीटर पैदल चला 80 साल का बुजुर्ग

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इस वायरस ने दुनिया के कई देश पूरी तरह से बंद होने पर मजबूर कर दिया है। भारत भी कोरोना की वजह से 21 दिनों के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन है।

अचानक पूरा भारत बंद हो जाने से सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों को हो रही है। जो अपने गांव से बाहर कमाते खाते हैं उनको कोई स्थाई ठिकाना न होने की वजह से वह अपने गांव आने पर मजबूर हैं।

कोई साधन न मिलने पर लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। 80 साल के एक बुजुर्ग को भी अपने घर लौटने के लिए 100 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चलना पड़ा। लॉकडाउन की वजह से कोई वाहन नहीं मिलने पर बुजुर्ग को ऐसा करने को मजबूर होना पड़ा।

यह घटना असम के बिस्वानाथ जिले की है। बुजुर्ग शख्स की पहचान खगेन बरूआ के तौर पर हुई।  रिपोर्ट के के मुताबिक बरूआ लखीमपुर जिले के लालुक क्षेत्र के रहने वाले हैं। वो गुवाहाटी अपने बेटे को वापस लेने के लिए गए थे, क्योंकि उनकी बहू की तबीयत खराब थी। गुवाहाटी से उन्होंने वापसी में ट्रेन पकड़ी, जिससे वो नगांव जिले के कालियाबोर तक पहुंच गए।

कालियाबोर से उनका घर लालुक में अब भी 215 किलोमीटर दूर था। लॉकडाउन की वजह से सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद थे और बरूआ को यात्रा का कोई साधन नहीं मिला, तो वो पैदल ही निकल पड़े। दरअसल उनकी बहू गर्भवती थी।

बरूआ 100 किलोमीटर पैदल चलकर बिस्वानाथ चरियाली पहुंच गए। वहां उन्हें बहुत कमजोरी महसूस होने लगी. वहीं उन्होंने रेलवे स्टेशन पर रात गुजारी। बरूआ की हालत देखकर बिस्वानाथ चरियाली के स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।

साथ ही पुलिस को सूचित किया। बरूआ के मुताबिक वो बेटे को लेने गुवाहाटी गए थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उससे संपर्क नहीं हो सका। शुक्रवार को बिस्वानाथ जिला पुलिस ने बरूआ को पुलिस वाहन से उनके घर पहुंचाया, साथ ही कुछ नगदी भी दी।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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