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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना पर अमेरिका का बड़ा खुलासा, इन तीन देशों की वजह से फैला वायरस!

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नई दिल्ली। अमेरिका ने कोरोना वायरस को लेकर तीन देशों पर बड़ा आरोप लगाया है। यूएस के मुताबिक अगर रूस, चीन और ईरान ने COVID-19 के बारे में सही जानकारी दी होती तो इसे फैलने से रोका जा सकता था।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के मुताबिक इन तीन देशों ने COVID-19 को लेकर ‘दुष्प्रचार’ फैलाया। विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर इन देशों ने कोरोना वायरस को लेकर सही जानकारी दी होती तो इसके प्रसार को रोका जा सकता था।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पोम्पियो ने कहा, ‘कोरोना को लेकर बुरी तरीके से दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि जिस किसी को इससे संबंधित कोई जानकारी मिलती है, वो सोर्स की जांच जरूर करें। कई सारे ‘बुरे एक्टर’ अफवाह फैला रहे हैं जो कि पूरी तरह गलत है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं गलत जानकारी के बारे में बात करना चाहता हूं, जो कि ट्विटर समेत कई सारे सोशल साइट्स पर पूरी दुनिया में घूम रहे हैं। इनमें से कुछ सरकार की तरफ से भी आ रही हैं जबकि कई सारे अन्य लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है।

पोम्पियो ने दुष्प्रचार फैलाने वाले तीन देशों की पहचान की है। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से चीन, रूस और ईरान जैसे देशों की तरफ से यह फैलाया जा रहा है। जहां पर हमलोग कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘कई जगह ऐसी सूचना प्रसारित की जा रही है कि COVID-19 अमेरिकी सेना की वजह से पैदा हुआ है। इस वजह से अमेरिका में लॉकडाउन किया गया है। सभी अमेरिकीवासियों से अपील है कि वो यह जरूर चेक करें कि उन्हें इस तरह की जानकारी कहां से मिल रही है।’

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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