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प्रादेशिक

नहीं रहे कोरोना वायरस का सबसे पहले पता लगाने वाले डॉक्टर

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस से चीन में अब तक 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। दुनियाभर में अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

भारत समेत अन्य देश भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। केरल में अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे लेकर इमरजेंसी घोषित कर दी है। तमाम देशों ने चीन आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है।

मगर ऐसा नहीं है कि यह महामारी अचानक से पूरी दुनिया में फैल गई है। दरअसल चीन के ही एक डॉक्टर ने कोरोनावायरस को लेकर अपनी सरकार को चेताया था। मगर इससे पहले कि उनकी आवाज दुनिया तक पहुंच पाती, उसे दबा दिया गया। उनका नाम है ली वेनलियांग।

30 दिसंबर को बताया था बीमारी के बारे में

ली वेनलियांग ने पिछले साल 30 दिसंबर को ही इस बारे में आगाह किया था। जिस मेडिकल स्कूल से वह पढ़े थे, उसी के ऑनलाइन एल्युमनी चैट ग्रुप WeChat पर बताया कि उनके अस्पताल में स्थानीय मछली बाजार से सात मरीज आए हैं, जिनमें सार्स जैसी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं और उन्हें अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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