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नेशनल

अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कही ये बात

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नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों पुराने इस विवाद पर ऐतिहासिक फैसला रामलला विराजमान के हक में सुनाया। साथ ही कोर्ट ने सरकार को मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की जमीन अयोध्या के किसी स्थान पर देने का आदेश दिया।

फैसले के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागत ने प्रेस कॉन्फ्रेस की। मीडिया को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने पूरे देश से भाईचारा बनाए रखने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इस फैसले को जय और पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

अयोध्या मामले पर फैसले के बाद मोहन भागवत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब हम सभी मिलकर राम मंदिर बनाएंगे।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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