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पीएम बनने के बाद पहली बार काशी पहुंचे नरेंद्र मोदी, बजट पर जनता से करेंगे बात

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी आज यानि शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं।

वाराणसी पहुंचने पर पीएम मोदी का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महेंद्रनाथ पांडेय ने पुस्तक भेंटकर स्वागत किया।

इसके बाद पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद पीएम मोदी ने पौधारोपण अभियान की शुरुआत की।

इस अभियान के तहत 22 लाख पौधे लगाए जाएंगे। आपको बता दें कि दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी का काशी का यह पहला दौरा है।

इस दौरै में पीएम मोदी बीजेपी के सदस्यता अभियान समेत कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे वहीं बजट को लेकर स्थानीय लोगों से विस्तार से बात करेंगे।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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