अन्तर्राष्ट्रीय
दुनिया में पहली बार कब बनी थी रोटी, जानकर चकरा जाएगा आपका सिर!
नई दिल्ली। दुनिया में पहली बार रोटी कब बनी, कहां बनी और कैसे बनी इसे लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं। लेकिन हाल ही में शोधकर्ताओं ने रोटी से जुड़ा नया सच खोज निकाला है।
उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में शोधार्थियों को एक ऐसी जगह मिली है जिसे लेकर कहा जा रहा है कि वहां करीब साढ़े चौदह हजार साल पहले फ्लैटब्रेड यानी रोटी पकाई गई थी।
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि इस जगह पर पत्थर के बने एक चूल्हे में रोटी पकाई गई थी। शोधार्थियों को मौके से वह पत्थर का चूल्हा भी मिला है।
इन अवशेषों से यह पता चलता हैं कि मानव ने कृषि विकास होने से सदियों पहले ही रोटी पकानी शुरू कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 4000 साल पहले इंसानों ने खेती करना शुरू किया था लेकिन उससे काफी समय पहले ही पूर्वी भूमध्यसागर में शिकारियों ने रोटियां पकानी शुरू कर दी थीं।
अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि उस समय रोटी बनाने में जंगली अनाजों का इस्तेमाल किया गया होगा। यह रोटी जौ, इंकॉर्न, जई और पानी में उगने वाले एक खास किस्म के पौधे ट्यूबर्स से बनाई गई होगी।
शोध के अनुसार इस रोटी को नॉटफियन संस्कृति के लोगों ने बनाया होगा। ये वे लोग होंगे जो एक जगह ठहरकर जीवन व्यतीत करते होंगे। यह अवशेष ब्लैक डेजर्ट एर्केओलॉजिक साइट पर मिला है।
इस शोध से मिले अवशेषों से यह प्रतीत होता है कि रोटी का इतिहास कृषि विकास से भी काफी पुराना है। शोधार्थी अमाया अरन्ज-ओटेगुई ने बताया, यह संभव है कि रोटी ने पौधों की खेती करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया होगा।
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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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