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अयोध्या विवाद में मध्यस्थ बनाए जाने के बाद श्री श्री रविशंकर का आया पहला बयान, कही ये बड़ी बात!

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार की सुबह राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया है।

कई दशकों से चले आ रहे इस विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अब इस मामले को अब मध्यस्थता पैनल के पास भेज दिया है।

कोर्ट मध्यस्थों को चार हफ्तों के अंदर मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही आठ हफ्तों के अंदर पूरी रिपोर्ट मांगी है।

आपको बता दें कि इस पैनल का नेतृत्व रिटायर्ड जज जस्टिस कलीफुल्लाह करेंगे। पूर्व जज के अलावा इस पैनल में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचु को भी शामिल किया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थ बनाए जाने के बाद आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान सामने आया है। श्री श्री रविशंकर ने सुप्रीम कोर्ट की इस पहल का स्वागत किया है और कहा है मध्यस्थता के जरिए इस मामले को सुलझाना देश के लिए सबसे अच्छा निर्णय है।

इससे पहले छह मार्च को इस मामले में श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट कर कहा था कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यस्थता को प्राथमिकता देना देश के और इस विषय से संबंधित सभी दलों के हित में है।

इस विवाद को मैत्रीपूर्ण रूप से सुलझाने का हमें पूरा प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हमें अपने अहंकार और मतभेदों को अलग रख कर इस विषय से संबंधित सभी दलों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर आगे बढना चाहिए।

नेशनल

सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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