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उप्र सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील : अखिलेश

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के प्रति बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि वह उन किसानों को हर संभव मदद देगी, जिनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं। मुख्यमंत्री बस्ती में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह के गांव चंगेरवा में आयोजित चंगेरवा महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ” मैं प्रदेश के सभी किसानों से भी अपील करूंगा कि प्राकृतिक कारणों से अगर फसलों को नुकसान हुआ है, तो वे इसके लिए आत्महत्या करने जैसा कदम कदापि न उठाएं। सरकार उनकी मदद को तैयार है। वह अपनी बात प्रशासन से कहें।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को क्षति का आकलन कर तुरंत मदद करने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले उन्होंने गांव में बने उद्यान में मंत्री राजकिशोर सिंह के बेटे उपेंद्र प्रताप सिंह उर्फ शुभम की मूर्ति का अनावरण किया। शुभम का निधन एक सड़क दुर्घटना में हो गया था। मुख्यमंत्री के साथ मंत्री राजकिशोर सिंह, खेल राज्यमंत्री राम करन आर्य, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अरविंद सिंह गोप भी थे।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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