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लखनऊ के कुंवर्स ग्लोबल स्कूल में मनाया गया वार्षिकोत्सव, बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर बांधा समां

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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ का एकमात्र बोर्डिंग स्कूल कुंवर्स ग्लोबल स्कूल बच्चों में शिक्षा के साथ साथ संस्कार विकसित करने में भी पूरे मनोयोग से जुटा हुआ है। स्कूल ने 13 जनवरी रविवार को अपना वार्षिकोत्सव मनाया। जिस प्रकार आत्मा अबोध व शुद्ध होती है उसी प्रकार जब कोई बच्चा इस संसार में आता है तो वह भी अबोध व शुद्ध होता है। इसी से प्रेरित होकर स्कूल के वार्षिकोत्सव की थीम भी ‘अबोध’ ही थी।
वार्षिकोत्सव में बच्चों ने नृत्य व अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। वार्षिकोत्सव समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि व स्कालर डॉ. कुमार विश्वास थे। कुमार विश्वास ने कहा कि आज के व्यवसायिक युग में कुंवर्स ग्लोबल स्कूल को धन कमाने की अंधी दौड़ के पीछे न भागते हुए देखकर इस बात का सुकून है कि अब भी कुछ लोग हैं जो शिक्षा को व्यापार नहीं बल्कि समाज में बदलाव लाने का मिशन मानते हैं। डॉ. कुमार विश्वास ने कार्यक्रम मे अपनी कई रचनाए सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कुंवर्स ग्लोबल स्कूल के प्रबंधक राजेश सिंह ने कहा कि इस विद्यालय की स्थापना शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का एक प्रयास है। बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर में बच्चों को पढाई का माहौल प्रदान करना सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य है। हम सब का कुंवर्स ग्लोबल की स्थापना के पीछे यही उद्देश्य है कि बच्चों को पढाई के लिए उचित और प्रदूषण रहित वातावरण दिया जा सके। उन्होंने बच्चों द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की तारीफ की।
स्कूल की प्रधानाचार्या अनुपमा गस्टव ने विद्यालय क़े सेकंड गार्ज़ियन कांसेप्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल बच्चे का दूसरा घर होता है। स्कूल के टीचर बच्चों के सेकंड गार्ज़ियन होते हैं हमने अपने स्कूल में ऐसा ही माहौल देने का प्रयास किया है। पॉल्यूशन फ्री इन्वायरमेंट देकर हम बच्चों के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हैं। हमारा मानना है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग निवास करता है इसीलिये बच्चों के खाने में गाय के शुद्ध दूध से लेकर जैविक खेती के जरिये खुद के कैंपस में उगाये गए अनाजों व सब्जियों को भोजन में दिया जाता है। सिर्फ वही खाद्य सामग्री बाज़ार से खरीदी जाती है जो स्कूल कैंपस में नहीं उगाई जाती।
अनुपमा गस्टव ने बताया कि हमारे इस सेकंड गार्ज़ियन कांसेप्ट की 47 डिज़िटल न्यूज़ प्लेटफार्म ने सराहना की है। आखिर में अनुपमा गस्टव ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवदेन प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने पूरे शैक्षणिक सत्र में होने वाली समस्त गतिविधियों को सभी के साथ साझा किया। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी बच्चों व शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी आगंतुकों का आभार जताया।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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