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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ के कर्मचारी कर सकते हैं हड़ताल

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लंदन| ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के सामने पहली बार उनके कर्मचारियों की हड़ताल का खतरा मंडरा रहा है। उनके विंडसर महल के कर्मचारी कम वेतन और भत्ते की शिकायत को लेकर एकजुट हो गए हैं। समाचारपत्र ‘द टेलीग्राफ’ के अनुसार, महल के कर्मचारियों का वेतन 14,400 पाउंड (लगभग 21,000 डॉलर) वार्षिक से शुरू होता है। यानी उन्हें इतना कम वेतन मिल रहा है जो उनके जीवन-बसर के लिए नाकाफी है। लेकिन बगैर अतिरिक्त भुगतान के उनसे अतिरिक्त कार्य लिए जाते हैं, जैसे कि पर्यटकों के मार्गदर्शन के लिए और दुभाषियों व प्राथमिक उपचारकर्ता के रूप में उन्हें उनके साथ भेजा जाता है।

विंडसर के 200 में से 120 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘द पब्लिक एंड कॉमर्शियल सर्विसिस (पीसीएस) यूनियन’ ने कहा कि शाही परिवार ने कर्मचारियों को अतिरिक्त काम के लिए अतिरिक्त भुगतान करने का वादा तोड़ दिया है।

इस संबंध में यूनियन अपने सदस्यों के बीच 31 मार्च से 14 अप्रैल के बीच मतदान करवाएगा।

पीसीएस के महासचिव मार्क सरवोतका ने कहा, “यह शर्मनाक है कि कर्मचारियों को इतना कम वेतन दिया जाता है और उनसे उस तरह के काम मुफ्त करने की उम्मीद की जाती है, जिनसे शाही परिवार को कमाई होती है।”

विंडसर महल, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना अधिवासित महल है। यहां हर साल लगभग 11 लाख आगंतुक आते हैं, जो इस महल में 1.7 करोड़ पाउंड से ज्यादा धनराशि खर्च करते हैं।

रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट, आगंतुकों से मिलने वाली इस राशि का उपयोग शाही महलों और उनकी वस्तुओं के रखरखाव में करता है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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