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अन्तर्राष्ट्रीय

कंगाल पाकिस्तान कर्ज चुकाने के लिए अब बेचेगा अपनी भैंस, अरबों का है कर्ज़

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पड़ोसी देश पाकिस्तान पैसे की कमी से जूझ रहा हैं। उसकी आर्थिक स्थिति लगभग कंगाल हो चुकी है। दरअसल, पाकिस्तान चीन और वर्ल्ड बैंक के अरबों रुपए के कर्ज के नीचे दबा हुआ है। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान की विरासत तो मिली हैं लेकिन कंगाली विरासत मिली है।

आर्थिक तंगी के कारण पाकिस्तान सरकार ने अपने यूज़ की 70 लक्जरी कारें नीलाम कर दी हैं। इसी के साथ पीएम हाउस (प्रधानमंत्री आवास) की 102 कारें भी नीलाम की जाएंगी। इसके अतिरिक्त अब प्रधानमंत्री आवास की आठ भैंसें बेचने की योजना है।

आपको बता दें की पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री आवास में आठ भैंसें पाल रखी थीं। शरीफ का परिवार इन भैंसों से पारिवारिक जरूरतें पूरी करता था। इन्हें भी नीलाम किया जाएगा।

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि 70 कारों की पहली खेप बेची जा चुकी है। चौधरी ने दावा किया, ‘‘इन कारों को बाजार मूल्य अधिक दर पर बेचा गया है।’’

इनमें मर्सिडीज बेंज के चार नए मॉडल, आठ बुलेट प्रुफ बीएमडब्ल्यू, तीन 5000 सीसी एसयूवी और दो 3000 सीसी एसयूवी शामिल हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर पिछले वित्त वर्ष के अंत तक करीब 30 हजार अरब रुपए पर पहुंच गया है।

इनके अतिरिक्त 2016 मॉडल की 24 मर्सिडीज बेंज कार नीलाम की गई हैं। 28 अन्य कारों में दो 4000 सीसी के एसयूवी भी हैं। जिन्हें बेचा गया है। इनको बेचकर 200 मिलियन पाकिस्तानी रुपए जुताए गए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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