मुख्य समाचार
योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण की छुट्टी तय
नई दिल्ली: ‘आप’ के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की पार्टी से अब छुट्टी होना तय हो गया है। बीते दिन दोनों धड़ों के बीच मध्यस्थता के सभी प्रयास नाकाम हो गए। ‘आप’ पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) ने इन दोनों नेताओं का राष्ट्रीय कार्यकारिणी से त्यागपत्र मंजूर कर लिया है। जिसके बाद योगेन्द्र यादव का बयान आया है की जब मैंने इस्तीफ़ा दिया ही नहीं है तो यह कैसे स्वीकार हो सकता है।
आम आदमी पार्टी की भीतरी कलह अब पूरी तरह सतह पर आ चुकी है। पार्टी अब यह भी कह रही है कि प्रशांत व योगेंद्र की अधिकांश मांगें मान लेने के बावजूद ये दोनों अरविंद केजरीवाल को पार्टी संयोजक पद से हटाने की जिद पर अड़े रहे। ‘आप’ ने इनकी इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया । संयोजक पद का फैसला पार्टी की 28 मार्च को प्रस्तावित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगा।
लोकपाल संग बैठक बेनतीजा: विवाद खत्म करने के लिए ‘आप’ के आंतरिक लोकपाल एडमिरल एल रामदास ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। मगर उनकी यह बैठक बेनतीजा रही।
पीएसी की बैठक के बाद ‘आप’ नेता आशीष खेतान ने कहा, योगेंद्र यादव को हरियाणा प्रभारी का पद देना तय हो गया था। लेकिन उन्हें प्रभारी नहीं संयोजक का पद चाहिए था।इस बात पर पार्टी ने कहा, राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ही संयोजक पद का फैसला होगा।
योगेंद्र यादव का कहना है कि उन्होंने कभी भी त्यागपत्र नहीं दिया, बल्कि इसकी पेशकश की थी। यदि उनके पास कोई पत्र है तो वे उसे सार्वजनिक करें। योगेंद्र ने उन खबरों को भी निराधार बताया कि 27 मार्च को राष्ट्रीय परिषद के सभी सदस्यों की बैठक भी होगी।
नेशनल
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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