Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

बर्मिघम टेस्ट में मिली हार से बौखलाया ये महान खिलाड़ी, कहा- “टीम इंडिया दे रही खुद को धोखा”

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान और अपनी बेबाक बात रखने वाले सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को बर्मिघम टेस्ट मिली हार का कारण खुलकर उजागर किया है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया ने अभ्यास मैचों को गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से उन्हें घूमती गेंदें पढ़ने में दिक्कत हुई और बल्लेबाजी में अपनी खराब तकनीक के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। गावस्कर इस बात से नाराज़ हैं कि टीम ने टेस्ट सीरीज़ से पहले सिर्फ आठ मैच खेले (इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और तीन टी-20 और आयरलैंड के खिलाफ दो टी-20), जिनसे उनकी पुख़्ता तैयारी नहीं हो पाई।

वनडे सीरीज में हार के बाद भारतीय टीम को पांच दिनों का आराम दिया गया था। इन पांच दिनों में खिलाड़ियों ने यूरोप में समय बिताया। तैयारियों को लेकर गावस्कर ने कहा कि टीम की किसी तरह की कोई तैयारी नहीं थी। आपको सीरीज के बाद हर किसी को आराम की जरूरत होती है, लेकिन ये ब्रेक पांच दिनों के बजाय सिर्फ तीन दिनों का होना चाहिए था। गावस्कर ने कम अभ्यास मैचों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत को कम से कम दो तीन दिवसीय मैच और एक उचित प्रथम श्रेणी मुकाबला खेलना चाहिए था। इसमें 18 खिलाड़ी नहीं, बल्कि 11 खिलाड़ी खेलने चाहिए थे। खिलाड़ियों को इस तरह से तैयारी करनी चाहिए थी जैसे उन्हें एक टेस्ट मैच में मौका दिया जा रहा है।

दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने एक अभ्यास मैच रद कर दिया था और उन्हें शुरुआती दो टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा था। गावस्कर ने आगे कहा कि टीम इंडिया ने खुद को धोखा दिया कि वह एक महीने से इंग्लैंड में हैं। उन्होंने सफेद गेंद से क्रिकेट खेली जहां बल्ले की गति लाल गेंद की अपेक्षा में अलग होती है। इसलिए किसी भी तरह की तैयारी नहीं हो पाई। कोहली 50 दिनों की छुट्टी ले सकते हैं और फिर वह अगले दिन आकर शतक बना सकते हैं। वह एक अपवाद प्रतिभा हैं और अगर वह छुट्टी लेते हैं तो कोई बात नहीं है। लेकिन, टीम प्रबंधन को यह समझना होगा कि दूसरों को अभ्यास की जरूरत है। जैसा कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट में ना खेलकर काउंटी क्रिकेट खेलना चाहते थे। मुझे नहीं लगता कि यह एक अच्छा फैसला था।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending