मनोरंजन
आज के ही दिन मौत के मुंह से निकल कर आए थे अमिताभ बच्चन, इस सीन ने पहुंचा दिया था अस्पताल
33 साल पहले बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन 26 जुलाई 1982 को बंगलुरु में कुली के सेट पर घायल हुए थे। तीन दिन सीरियस चोट और दर्द की कशमकश के बीच जब चौथे दिन अमिताभ कोमा में चले गए तब डॉक्टर्स ने उन्हें मुंबई शिफ्ट किया। उस दिन हॉस्पिटल के अंदर और बाहर लोग दुआएं कर रहे थे, जिस कारण अमिताभ को दोबारा जीवन मिला। अमिताभ ने कहा है कि ‘कुली’ के सेट पर हुई दुर्घटना के दौरान उनके लिए दुआ करने वालों के वह शुक्रगुजार हैं।
2 अगस्त 1982, मुंबई का ब्रीचकैंडी हॉस्पिटल। अमिताभ बच्चन लगभग मौत के मुंह में जा चुके थे। ब्रीचकैंडी में डॉक्टर्स ने अमिताभ का दोबारा ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन करीब 8 घंटे चला। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर होने के बावजूद डॉक्टर्स लगभग नाउम्मीद हो चुके थे कि वे बचेंगे। जया आईसीयू के बाहर खड़ी थीं। डॉक्टर्स निराश होकर बाहर आने लगे, तभी जया को अमिताभ के पैरों में हरकत दिखाई दी।
जया ने चिल्लाते हुए कहा डॉक्टर्स से कहा- मैंने इनके पैरों को हिलते देखा आप एक बार फिर से चेक कीजिए। इसके बाद अमिताभ को एक इंजेक्शन दिया गया। तब जाकर अमिताभ की सांसें वापस लौटीं और धीरे-धीरे वे रिकवर करने लगे। 24 सितम्बर को उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
बच्चन ने इस ट्वीट में एक तस्वीर लगाई है, जिसमें वह अपने पिता के पैर छू रहे हैं। उन्होंने लिखा, ‘दो अगस्त 1982.. कुली हादसे के बाद मेरा पुर्नजन्म हुआ। घर वापसी पर, पिता की आंखों में पहली बार आंसू देखे।’
पेपर में छपे थे दुआ करने वाले विज्ञापन – अमिताभ की सलामती के लिए दुआ करने वालों की दीवानगी इससे पता चली कि उस वक्त के अखबारों में उनके जिंदगी के लिए दुआ करने विज्ञापन तक निकाले गए। चौबीसों घंटे ब्रीच कैंडी अस्पताल के बाहर हजारों प्रशंसकों की भीड़ लगी रहती थी।
वर्ल्ड फैन्स डे हैशटैग से सेलिब्रेशन – अमिताभ के फैन्स 2 अगस्त का दिन #WorldFansDay हैशटैग से सेलिब्रेट कर रहे हैं। अमिताभ खुद इस दिन अपना सैकेंड बर्थडे मनाते हैं। पिछले कुछ सालों से ट्विटर पर इस दिन को रीकॉल करते आ रहे हैं। इस बार भी अमिताभ ने ट्वीट कर उन सभी फैन्स को धन्यवाद दिया है।
प्रादेशिक
सलमान खान फायरिंग मामला: आरोपी अनुज थापन ने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या
मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। खबर है है कि इस मामले में जो आरोपी पकड़े गए थे, उनमें से एक ने आत्महत्या कर ली है। मरने वाले का नाम अनुज थापन है। अनुज थापन पर फायरिंग केस में हथियार मुहैया करवाने का आरोप था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी अनुज थापन ने कस्टडी में मिलने वाली चद्दर से ही अपनी जान लेने का प्लान बनाया। उसने बाथरूम में चद्दर से फंदा लगाकर अपनी जान ले ली। जैसे ही वहां मौजूद लोगों को इस बात की भनक पड़ी उसे तुरंत पास ही के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। लेकिन GT अस्पताल में पहले उनकी हालत गंभीर बताई गई और फिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
14 अप्रैल को सलमान खान के घर पर जिन हथियारों से फायरिंग की गई, उन्हें मुहैया कराने का आरोप अनुज पर है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच के बाद पंजाब से इस आरोपी को हिरासत में लिया था। 32 साल के अनुज थापन ट्रक के हेल्पर के तौर पर काम करता है। थापन लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में रहा और इसपर वसूली और आर्म्स एक्ट मामले दर्ज था।
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