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अन्तर्राष्ट्रीय

एफबीआई ने फरार भारतीय साइबर अपराधी को अतिवांछित घोषित किया

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वाशिंगटन | अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) ने फरार साइबर अपराधी भारतीय नागरिक शिवराज सिंह डाबी को अपनी अतिवांछित सूची में रखा है। एफबीआई ने डाबी की तलाश के लिए अंग्रेजी, पंजाबी और हिंदी भाषा में पोस्टर भी जारी किए हैं, जिसमें उसके बारे में जानकारी मांगी गई है। एफबीआई ने नोटिस में 42 वर्षीय डाबी को कंप्यूटर संबंधी अपराधों के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए गैरकानूनी उड़ान भरने का आरोपी बताया है और आशंका जाहिर की है कि वह भागकर भारत जा पहुंचा है।

नोटिस में कहा गया है कि डाबी कई सारे छद्म नामों का उपयोग करता है, जो शिवरा डाबी, शिवरहा डाबी, शिवरहा एस. डाबी, शवरहा सिंह डाबी हो सकते हैं।एफबीआई ने नोटिस में यह भी जानकारी दी है कि डाबी का कद पांच फीट छह इंच है और वजन 140 से 160 पौंड के बीच है। उसके बाल काले हैं और आंखों का रंग भूरा है। एफबीआई के मुताबिक, डाबी को 2007 में कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो काउंटी में कंपनी के मालिक के कंप्यूटर से जानबूझ कर छेड़छाड़, उसमें से कुछ चीजें हटाने और उसे क्षति पहुंचाने का दोषी पाया गया था। 2008 में अमेरिकी जिला अदालत ने डाबी को गिरफ्तारी बचने के लिए गैरकानूनी उड़ान भरने का दोषी पाकर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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