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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन में अलकायदा का हमला, 20 की मौत

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साना | यमन के दक्षिणी प्रांत लाहज में शुक्रवार शाम सरकारी संस्थानों पर अलकायदा के आतंकवादियों के हमले में 20 सैनिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह जानकारी एक सैन्य अधिकारी ने दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक सैन्य अधिकारी ने बताया, “अलकायदा से जुड़े संदिग्ध बंदूकधारियों ने लाहज प्रांत की राजधानी हौता शहर में सरकारी परिसर और खुफिया कार्यालय पर एक साथ हमले किए, जिनमें लगभग 20 सैनिकों की मौत हो गई और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।” अधिकारी ने बताया कि हमले में बहुत से सैनिक घायल भी हुए। इसके साथ ही हमलावरों ने कुछ अधिकारियों का अपहरण भी कर लिया। हमलावरों ने शहर के मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास जांच चौकियां बनाकर शहर को पूरी तरह कब्जे में लेने की कोशिश की।

यमन में शिया हौती समूह द्वारा राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी का समर्थन करने वाली सेना एवं जनजातीय मिलिशिया का विरोध शुरू करने के बाद से सुरक्षा बदहाल हुई है। शुक्रवार को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक ऑनलाइन बयान में राजधानी साना और सादा प्रांत में हुए तीन बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 137 लोग मारे एग थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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