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अन्तर्राष्ट्रीय

‘उत्तर कोरिया किसी भी समय दाग सकता है परमाणु मिसाइल’

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लंदन| ब्रिटेन में उत्तर कोरिया के राजदूत ह्युआन हक-बोंग ने कहा कि उत्तर कोरिया के पास किसी भी समय परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ह्युआना द्वारा ब्रिटेन के स्काई न्यूज को दिए साक्षात्कार के हवाले से कहा, “हम केवल बोलते नहीं हैं। परमाणु हमलों का अधिकार केवल अमेरिका के पास ही नहीं है।” यह पूछे जाने पर कि उत्तर कोरिया के पास क्या परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है पर उन्होंने कहा, “हां, किसी भी समय।”

राजदूत ने कहा, “हम तैयार हैं। यही कारण है कि मैं कह रहा हूं कि यदि कोरिया प्रायद्वीप पर कोई भी हमला हुआ, तो परमाणु युद्ध अवश्वयंभावी है।” उन्होंने कहा, “अगर अमेरिका हमपर हमला करता है, तो हमें उसका जवाब देना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हम पारंपरिक युद्ध का पारंपरिक युद्ध से जवाब देने के लिए तैयार हैं और अगर परमाणु हमला किया गया, तो हम पलटकर परमाणु हमले के लिए भी तैयार हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर कोरिया पहले परमाणु हमला करेगा, राजदूत ने कहा, “हम शांति पसंद लोग हैं। हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हमें युद्ध से डर भी नहीं है। यह सरकार की नीति है।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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