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बनने से पहले ही बिखरने लगा महागठबंधन, इस पार्टी को लग सकता है तगड़ा झटका
नई दिल्ली। यूपी के उपचुनाव में मिली जीत के बाद विपक्ष दलों में महागठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई थी। माना जा रहा था कि सभी दल एक साथ मिलकर महागठबंधन तैयार करेंगे। लेकिन बीजेपी के खिलाफ 2019 में बनने वाला महागठबंधन को झटका लग सकता है। समाजवादी पार्टी ने संकेत दिए है कि वो महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसपी कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली और अमेठी की सीट देना चाहती है।
खबर है कि इस मामले में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को दिल्ली आकर कई विपक्षी दलो से इस मसले पर बात कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि एसपी रायबरेली और अमेठी में गांधी परिवार के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
एसपी सूत्रों का कहना है कि राज्य में गठबंधन के लिए बीएसपी और आरएलडी का साथ बातचीत पूरी कर ली गई है। सूत्रों का कहना है कि 2017 में हुए चुनाव से सबक लेते हुए एसपी एस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।
आपको बता दें कि यूपी में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन हुआ था। लेकिन यह गठबंधन फ्लॉप साबित हुआ। विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के गठबंधन को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई।
लेकिन उपचुनाव में बीएसपी के साथ गठबंधन से सपा को अच्छा फायदा मिला। इस वजह से सपा बीएसपी को नाराज नहीं करना चाहती। खबरों के अनुसार बीएसपी गठबंधन के लिए राजी है।
एसपी को लगता है कि बीएसपी के साथ गठबंधन करने से उसे कांग्रेस से ज्यादा लाभ मिलेगा। सूत्रों का ये भी कहना है कि अखिलेश दलित, पिछड़ों और मुस्मिल गठजोड़ बनाना चाहती है और उनके हिसाब से कांग्रेस इसमें फीट नहीं बैठती है।
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देश के नए नौसेना प्रमुख बने दिनेश कुमार त्रिपाठी, ली आर हरि कुमार की जगह
नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने नए नौसेना प्रमुख का कार्यभार संभाल लिया है। आज ही मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत हो रहे हैं। दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।
उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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