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सख्त हुई सरकार, काले धन पर बिल को कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली। काले धन और विदेशों में रखी अवैध संपत्ति पर अंकुश लगाने के इरादे से केंद्र सरकार ने मंगलवार को नया कानून बनाने के लिए एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। इस कानून के तहत काला धन रखने वाले व्यक्ति पर 300 प्रतिशत जुर्माना लगेगा और 10 साल की सजा होगी। केंद्र इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश करेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने अज्ञात विदेशी आय और संपत्तियां (नया कर आरोपण) विधेयक, 2015 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। काले धन पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बनाने के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2015-16 पेश करते हुए घोषणा की थी। नए विधेयक के तहत इस तरह के अपराध में समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होगी और दोषियों को निपटान आयोग में जाने की अनुमति नहीं होगी। विधेयक के तहत विदेशी संपत्तियों के अपर्याप्त खुलासे के साथ रिटर्न दाखिल करने या आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करने पर 10 साल तक के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। काला धन जमा करने के लिए उकसाने वाले बैंकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
विधेयक के तहत आयकर रिटर्न में बताना होगा, किस तारीख में विदेशी बैंक में खाता खुला था। इसमें विदेशों में जमा संपत्ति के बराबर देश में संपत्ति को जब्त करने की शक्ति प्रदान करने का भी प्रावधान किया गया है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि यह धन विधेयक है इसलिए इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार पर विदेशों में जमा काले धन के मामले में कार्रवाई करने के लिए दबाव है क्योंकि भाजपा व मोदी ने पिछले साल चुनाव अभियान के दौरान इसे बडा मुद्दा बनाया था और काले धन को जल्द वापस लाने का वादा किया था।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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