बिजनेस
रिलायंस इंफ्रा ने मुबंई मेट्रो लाइन-2 का अनुबंध रद्द किया
मुंबई| रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने गुरुवार को कहा कि उसने मुंबई मेट्रो लाइन-2 परियोजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को रद्द कर दिया है। इसके पीछे उसने महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपने दायित्वों को पूरा न करने का कारण दिया है। कंपनी ने 160 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी की वापसी की भी मांग की है। रिलायंस इंफ्रा ने एक बयान में कहा कि उत्तरी मुंबई के चारकोप से पश्चिम में बांद्रा और पूर्व में मानखुर्द को जोड़ने वाली इस परियोजना के लिए रियायत समझौते के तहत सूचीबद्ध विभिन्न दायित्वों को राज्य सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया है।
कंपनी ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार और रियायतग्राही के बीच अनुबंध खत्म करने के लिए किसी भी पक्ष को बिना किसी कीमत और दावे पर सहमति बन गई है।” इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि 160 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी उसे वापस की जाए। इस साल की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी करते समय रिलायंस इंफ्रा ने बुधवार को कहा कि उसका कुल मुनाफा 13 फीसदी बढ़कर 431 करोड़ रुपये पहुंच गया है, लेकिन साथ ही मुंबई रेल परियोजना में उसे 57 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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