प्रादेशिक
70 साल के बुजुर्ग ने कर ली 30 साल की लड़की से शादी, पूछने पर दिया ये तर्क!
नई दिल्ली। अगर शादी की बात की जाए तो जोड़े में कुछ साल का अंतर शुभ माना जाता है। मसलन अगर लड़का 30 साल का है है तो लड़की 25 साल तक की होनी चाहिए। इससे दोनों को एक-दूसरे को समझने में आसानी होती है। कुछ मामलों में ऐसी बेमेल जोड़ियां देखने को मिल जाता हैं कि मुंह से बस यही निकलता कि ये पति-पत्नी हैं या बाप-बेटी।
जी हां ऐसा ही कुछ इन दिनों सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है जिसमे एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपने से आधी से भी कम उम्र की लड़क से शादी की है और उनकी तस्वीरें खूब वायरल भी हो रही है। इन तस्वीरों को देखकर लोग तरह तरह से कमेंट कर रहे है। हालांकि हम आपको यहां बता दें कि ये एक साल पुरानी बात है।
यह बुजुर्ग शख्स राजेश कुमार हिमतसंग्का हैं, जो असम के एक ऑटो एंटरप्राइजेज लिमिटेड का मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वह 70 साल के हैं। जबकि जिस लड़की से उन्होंने शादी की है उसकी उम्र 30 से 35 साल के बीच की है। एक फेसबुक यूजर ने दावा किया है कि वह राजेश कुमार से अच्छी तरह से परिचित हैं, उसने लिखा है कि मैं राजेश अंकल से अच्छी तरह से जानती हूं, वे मेरे पिता के दोस्त हैं, लेकिन उन्होंने जो किया है, उसका हम समर्थन नहीं करते है।
यूजर ने लिखा है कि आंटी के निधन होने के बाद अंकल स्वयं को अकेला मानने लगे थे। वे किसी भी उम्रदराज या विधवा महिला से भी शादी रचा सकते थे, लेकिन उन्हें छोटी उम्र की लड़की से शादी नहीं करनी चाहिए थी। उन्हें कनिष्क और अपने नाती-पोतों के बारे में सोचना चाहिए था। उन्होंने जिस लड़की को पत्नी बनाया है, वह उनकी बहू बनने के लायक भी नहीं बल्कि उनसे भी छोटी है।
जब राजेश कुमार से उनकी शादी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया की सोशल मीडिया पर उनकी शादी का भले ही विरोध कर रहे हो पर ये उनका निजी फैसला है। उन्होंने अपनी पत्नी के देहांत के बाद अपने से आधी उम्र की युवती से शादी कर अपना जीवन बिताने का फैसला लिया है। लोग उनकी शादी का विरोध करते है तो करें उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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