बिजनेस
भारत में ऑनलाइन कारोबार का नया बादशाह बना वालमार्ट, 1,07200 करोड़ रुपए में बिक गई एक भारतीय कंपनी
अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की बड़ी कंपनी वालमार्ट ने भारत की ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर यानि 1,07200 करोड़ रुपए में खरीद ली है। वॉलमार्ट की ऑनलाइन स्पेस में ये सबसे बड़ी खरीदारी है। वॉलमार्ट इस अधिग्रहण के जरिए भारत में ऑनलाइन कारोबार का बादशाह बन जाएगा।
Walmart to Invest in Flipkart Group, India’s Innovative eCommerce Company
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सूत्रों के मुताबिक वॉलमार्ट इंक और फ्लिपकार्ट ने आज इस बड़े सौदे की घोषणा कर दी है। जापान का सॉफ्टबैंक समूह और टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट दोनों फ्लिपकार्ट में अपनी समूची करीब 20-20 फीसदी की हिस्सेदारी बेचेंगे।
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— Walmart Newsroom (@WalmartNewsroom) May 9, 2018
दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी, वालमार्ट इंक ने बुधवार को घोषणा की कि वह देश के प्रमुख ई-टेलर फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीद रही है। अराकांसस स्थित मुख्यालय वाली कंपनी ने अमेरिका में एक बयान में कहा, “वालमार्ट, फ्लिपकार्ट की शुरुआती 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 16 अरब डॉलर (लगभग 1,07,662 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगी, जो भारत में नियामकीय मंजूरियों के अधीन है।”
इस सौदे के तहत वालमार्ट अधिकांश शेयरों का अधिग्रहण कर फ्लिपकार्ट समूह का सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगी और फ्लिपकार्ट में वालमार्ट के निवेश से कंपनी को अपने उपभोक्ता-केंद्रित मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे भारत में प्रौद्योगिकी के माध्यम से ई-कॉमर्स में बड़ा बदलाव आएगा।
बयान में कहा गया है, “यह निवेश भारत में निरंतर नौकरियों के सृजन और निवेश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।”
फ्लिपकार्ट की बाकी की हिस्सेदारी कंपनी के वर्तमान शेयरधारकों के पास रहेगी, जिसमें बिनी बंसल, टेनसेंट होल्डिंग्स लि. टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट एलएलसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प शामिल हैं।
बयान में कहा गया है, “यह सौदा वालमार्ट को तेजी से बढ़ते बाजार में स्थानीय कारोबारी नेतृत्व के साथ साझेदारी का मौका देगा।”
इस सौदे पर रीटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा, “पूरे रीटेल उद्योग का प्रतिनिधि होने के नाते, आरएआई की नीति है कि यह व्यक्तिगत कंपनियों के बीच हुई डील्स पर टिप्पणी नहीं करती। लेकिन, कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति के प्रेस नोट 3 के तहत जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं। ये कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से छूट एवं कीमत निर्धारण में हिस्सा नहीं ले रहीं हैं, जो नीति के खिलाफ है।”
निवेशकों की बैठक में वालमार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डोग मैकमिलन ने कहा कि भारत कंपनी के लिए एक प्रमुख बाजार रहा है, क्योंकि यह सबसे बड़ी और उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।
मैकमिलन ने कहा, “एक कंपनी के रूप में हम ग्राहकों की जरूरतों को पूरी करने के लिए इस प्रमुख बाजार में फ्लिपकार्ट के साथ काम करने की उम्मीद करते हैं।”
इस सौदे से भारत को लाभ होगा तथा ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण किफायती वस्तुएं प्राप्त होंगी, कौशलयुक्त रोजगार का सृजन होगा तथा छोटे आपूर्तिकर्ताओं, किसानों और महिला उद्यमियों के लिे अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा, “भारत सबसे आर्कषक खुदरा बाजारों में से एक है और इसके आकार और वृद्धि दर को देखते हुए हमारा निवेश फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी का अच्छा मौका है, जो बाजार में ई-कॉमर्स में बदलाव का वाहक रही है।”
फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल ने कहा, “हमारी यात्रा के अगले चरण के लिए वालमार्ट एक आदर्श सहयोगी है और हम खुदरा और ई-कॉमर्स में साथ मिलकर काम करेंगे।”
सौदे के पूरा होने के बाद दोनों भागीदार एक-दूसरे की मजबूती का लाभ उठाएंगी, लेकिन अपने अलग-ब्रांडों और परिचालन संरचना को बरकरार रखेगी।
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बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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