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अन्तर्राष्ट्रीय

इस महिला ने अपनी ही नाबालिग बेटी को 1000 बार बेचा, लोग खरीदकर करते थे गंदा काम

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नई दिल्ली। मां-बेटी का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है। लेकिन अगर मां अपने बेटी से जबरदस्ती गंदा काम करवाने लगे तो इससे ज्यादा घिनौना काम दुनिया में नहीं हो सकता। खबर ऐसी है कि सुनने के बाद आपका भी दिल दहल जाएगा। एक औरत अपनी ही नाबालिग बेटी की दलाली करती थी। अपनी ही बेटी को बार-बार बेचती थी। मां पैसों के लिए उसको ऐसे लोगों के हाथों बेचती, जो उससे गुलाम की तरह बरतते थे साथ ही उसकी साथ गंदा काम भी करते थे।

नाबालिग बेटी

साभार इंटरनेट

कसमीर लता नाम की यह महिला फिजी में रहती थी। लेकिन 2014 में न्यूजीलैंड आ गई। इस दौरान उसने अपनी बेटी को लगभग 1000 बार बेचा। न्यूजीलैंड हेराल्ड के मुताबिक कसमीर तीसरी इंसान है जिसको इस तरह के आरोप की वजह से पकड़ा गया है। कसमीर का वीजा खत्म हो गया तो उसने अपनी बेटी का एडमिशन स्कूल में नहीं कराया। उसे डर था कि इससे उसकी असलियत का पता सबको चल जाएगा।

कसमीर खुद पेशे से सेक्स वर्कर थी और अपनी बेटी से भी जबरन यही काम कराया करती थी। कसमीर ने यह घिनौना काम लड़की के 15 वें जन्मदिन पर शुरु किया था। कसमीर अपने क्लाइंट से बेटी की उम्र छुपाती थी। पहले तो यह महिला क्लाइंट्स को घर बुलाती थी। लेकिन बाद में वह अपने बेटी को होटल में भेजना भी शुरु कर दिया। लड़की इसी दौरान प्रेग्नेंट भी हो गई।

मां ने उसका अबॉर्शन भी कराया। और ये गंदा काम 18 महीने तक चलता रहा। एक दिन मौका पाकर नाबालिग लड़की घर से भाग गई और पुलिस के पास जा पहुंची। तब जाकर यह मामला खुला। कसमीर के साथ उसका पार्टनर भी पकड़ा गया। कसमीर को 6 साल की सजा हुई है लेकिन लोगों का मानना है कि यह सजा उसके अपराध के लिए बहुत कम है। वहीं उसके पार्टनर को अगले हफ्ते सजा सुनाई जाएगी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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