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प्रादेशिक

करवट ले रही यूपी की पॉलिटिक्स, मायावती के घर पहुंचे अखिलेश

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उत्तर प्रदेश की राजनीति करवट लेती नजर आ रही है और इसके संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। नतीजा यह है कि फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव में शानदार जीत के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को बसपा अध्यक्ष मायावती से मिलने लखनऊ स्थित उनके आवास पर पहुंचे।

यहां दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात चली। अखिलेश के साथ सपा महासचिव आजम खां भी रहे। मायावती के आवास पर सतीश चंद्र मिश्र पहले से मौजूद रहे। समझा जाता है कि दोनों नेताओं की बीच ताजा राजनीतिक मसले पर चर्चा हुई।

यूपी की राजनीति में इन दोनों नेताओं की मुलाकात बेहद अहम बताई जा रही है क्योंकि अनुमान है कि इसी मुलाकात से 2019 के लिए रास्ता निकलेगा। दोनों के बीच क्या बात हुई इस बारे में अभी साफ नहीं हो पाया है। हालांकि माना जा रहा है कि आने वाले चुनावों में भी मिलकर बीजेपी को मात देने की चर्चा जरूर हुई होगी।

अखिलेश और मायावती यूं तो एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी हैं लेकिन उपचुनाव के इन नतीजों ने दोनों को पास ला दिया। यही वजह रही कि अखिलेश खुद गुलस्ता लेकर मायावती से मिलने उनके आवास पहुंचे।

उपचुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मैं दोनों लोकसभा क्षेत्र की जनता का धन्यवाद देना चाहता हूं। सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती जी का भी धन्यवाद देता हूं। उनकी पार्टी के समर्थन के कारण ही इन चुनावों में जीत हासिल हुई है। उनके अलावा जितनी भी पार्टियों ने समर्थन किया है, उनका भी शुक्रिया करता हूं।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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