अन्तर्राष्ट्रीय
नवाज सरकार को बर्खास्त किया जाए : मुशर्रफ
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि 2013 के चुनाव में हुई कथित धांधली के लिए नवाज शरीफ की सरकार बर्खास्त कर दी जानी चाहिए। पाकिस्तान टूडे के अनुसार, एक टेलीविजन साक्षात्कार में मुशर्रफ ने कहा, “मौजूदा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पास देश चलाने की क्षमता नहीं है, लिहाजा पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय को चाहिए कि वह सरकार को बर्खास्त कर दे।”
मुशर्रफ ने दावा किया कि नवाज इस झूठ के साथ जी रहे हैं कि पाकिस्तान उनके नेतृत्व में विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर देश की अर्थव्यवस्था पीछे की ओर जाती है, तो फिर देश के संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, “पाकिस्तान में अच्छी सरकार देखना मेरी दिली ख्वाइश है और इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि यह ख्वाहिश कौन पूरी करता है।” मुशर्रफ ने कहा, “एक तीसरी राजनीतिक ताकत समय की जरूरत है।”
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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