अन्तर्राष्ट्रीय
परमाणु हथियारों का आक्रमण के लिए इस्तेमाल कर सकता है किम : सीआईए
वाशिंगटन, 24 जनवरी (आईएएनएस)| अमेरिकी खुफिया एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी(सीआईए) के निदेशक माइक पॉम्पेओ ने कहा है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन प्रशासन का परमाणु मिसाइल कार्यक्रम न केवल आत्मरक्षा के लिए है, बल्कि इसका इस्तेमाल वह कोरियाई प्रायद्वीप को अपने अधीन करने के इरादे से ‘आक्रमण’ के लिए कर सकता है। पॉम्पेओ ने अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में मंगलवार को कहा, हम ऐसा मानते हैं कि वह इन हथियारों का इस्तेमाल आत्मरक्षा से परे जाकर कर सकता है। उन्होंने कहा कि किम दोनों कोरियाई देशों को अपने अधीन करने के इरादे से ‘आक्रमण’ के लिए परमाणु और पारंपरिक सैन्य बलों का इस्तेमाल कर सकता है।
सीआईए प्रमुख ने कहा, किम जोंग-उन केवल एक मात्र सफल परीक्षण से शांत नहीं बैठेगा। उसका अगला कदम शस्त्रागार को विकसित करना या एकसाथ कई मिसाइलों को दागने की क्षमता का विकास करना हो सकता है।
उन्होंने कहा, हमारा मिशन यह है कि वह जितना दिन हो सके इस अभियान को टाले।
पॉम्पेओ ने कहा कि परमाणु मुक्ति का कथित लक्ष्य हासिल करने में कूटनीति विफल होने की स्थिति में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए अमेरिकी खुफिया और सैन्य एजेंसियां विकल्पों की एक श्रृंखला तैयार कर रही हैं।
पॉम्पेओ ने कहा, हम पूर्ण रूप से वहां नहीं हैं, जहां हमें होने की जरूरत थी।
उन्होंने कहा, हमारा मिशनन अभी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन पूरी दुनिया में हमारे अधिकारी हैं, जो अमेरिकी दबाव अभियान को मदद के लिए यथासंभव सबकुछ करने के लिए मेहनत से काम कर रहे हैं और प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के लिए प्रतिबंध को और कड़े करने के अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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