अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी हमले में हक्कानी नेटवर्क का कमांडर, 2 अन्य मारे गए
इस्लामाबाद, 24 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान के कबायली इलाके में बुधवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में हक्कानी नेटवर्क का एक कमांडर और उसके दो सहयोगी मारे गए। डॉन ऑनलाइन के अनुसार, चालक रहित टोही विमान ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के निकट ओरकजई एजेंसी में स्पीन थाल दापा मेमोजई क्षेत्र के एक घर में दो मिसाइलें दागे।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि हमला हक्कानी नेटवर्क के अड्डे पर किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने हक्कानी नेटवर्क के कमांडर एहसान ऊर्फ खवारी और उसके दो सहयोगियों की मौत की पुष्टि की है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि टोही विमान हमला करने से पहले ओरकजई और उसके आस-पास के इलाके समेत खुर्रम और हांगु जिले के कबायली इलाकों के वायुक्षेत्र में काफी नीचे उड़ान भर रहा था।
बुधवार तड़के इस हमले के बाद स्थानीय निवासियों में दशहत पैदा हो गई।
इस वर्ष पाकिस्तान के कबायली इलाके में अमेरिका ने दूसरी बार हमला किया है। इससे पहले 17 जनवरी के हमले में खुर्रम एजेंसी के बादशाह कोट क्षेत्र में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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