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मोदी की खाल उधड़वा देने का बयान तेज प्रताप पर पड़ा भारी, मुकदमा दर्ज

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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को ‘मारने की धमकी’ देने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि तेजप्रताप की जुबान सोमवार को एक बार फिर से फिसल गई। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खाल उधड़वा देने की धमकी दी है लेकिन अब यह बयान तेज प्रताप पर भारी पड़ गया है क्योंकि तेजप्रताप के इस बयान पर भाजपा नेता ने उनके के खिलाफ दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उधर , लालू ने तेज प्रताप के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि पिता को कोई साजिश में फंसाएंगे तो जवान बेटा बोलेगा ही। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यह सही नहीं है।
इससे पूर्व राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की सुरक्षा में कटौती करने के एक प्रश्न के जवाब में उनके पुत्र तेज प्रताप ने सीधे शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खाल उधड़वा देंगे।
तेज प्रताप ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम लोग कार्यक्रमों में जाते रहते हैं। लालू प्रसाद जी भी इन कार्यक्रमों में जाते रहते हैं। ऐसे में सुरक्षा वापस लेना, उनकी हत्या कराने की साजिश है। हम इसका मुहतोड़ जवाब देंगे, नरेंद्र मोदी जी की खाल उधड़वा देंगे।
उल्लेखनीय है कि लालू की सुरक्षा श्रेणी ‘जेड प्लस’ से घटाकर ‘जेड’ कर दी गई है।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले तेज प्रताप यादव ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था कि वह सुशील मोदी के घर में घुसकर उन्हें मारेंगे। तेज प्रताप ने कहा था कि वह अगर सुशील मोदी के बेटे की शादी में जाते हैं, तो वहीं उनकी पोल खोल देंगे।
इसके बाद सुशील मोदी ने अपने पुत्र की शादी के कार्यक्रम स्थल में भी बदलाव कर दिया है। सुशील मोदी के बेटे की शादी तीन दिसंबर को होने वाली है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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