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टेरर बोट पर सरकार अपने रुख पर कायम, बयान की होगी जांच : रक्षामंत्री

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बंगलुरु/अहमदाबाद। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि वह उस बयान की जांच करेंगे, जिसके अनुसार तट रक्षक अधिकारी ने संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को उड़ाने के आदेश दिए थे। इधर, अधिकारी पूर्व में दिए गए आदेश को लेकर दिए अपने ही बयान से मुकर गए हैं। पर्रिकर ने अंग्रेजी समाचार-पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की वेबसाइट पर जारी हुए वीडियो के बारे में कहा, “मैं जांच करूंगा..वीडियो देखूंगा।” वह फिलहाल एयरो इंडिया में शिरकत करने के लिए बेंगलुरू में मौजूद हैं।

इस वीडियो में दिखाया गया है कि तटरक्षक के उप महानिरीक्षक बी.के.लोशाली ने 31 दिसंबर की रात संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को उड़ाने का आदेश दिया था। पर्रिकर ने कहा कि वह विवादित वीडियो देखेंगे और इसके बाद जरूरत पड़ी तो कार्रवाई करेंगे।

उल्लेखनीय है कि तटरक्षक ने खुफिया जानकारी के आधार पर 31 दिसंबर की रात गुजरात में पोरबंदर के तट से करीब 365 किलोमीटर दूर अरब सागर में संदिग्ध नौका को रोका था, जिसके बाद इसमें विस्फोट हो गया था और यह समुद्र में डूब गया था। माना जाता है कि इसमें चार लोग सवार थे। इस नाटकीय घटनाक्रम ने 2008 में पाकिस्तानी आतंकवादियों के समुद्र के रास्ते मुंबई में प्रवेश करने की याद दिला दी थी। केंद्र सरकार का दावा था कि नाव में सवार लोगों ने खुद ही धमाका करके नाव को उड़ा लिया था। जनवरी में पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तानी नौका, जो गुजरात के तट से सटे समुद्र में विस्फोट के बाद डूब गया था, में सवार लोग तस्कर नहीं आतंकवादी थे। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की थी कि एक अन्य नौका का भी पता लगा था, लेकिन वह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में था।

रक्षा मंत्री ने इस बारे में कहा, “आपको मेरी स्थिति समझनी होगी। करीब 15-16 लाख रक्षाकर्मी हैं। यदि कोई तथ्यात्मक रूप से गलत बयान देता है तो मैं जांच के बाद कार्रवाई करूंगा।” रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं घटना के सबूत जारी करूंगा।”

पर्रिकर का बयान लोशाली द्वारा मीडिया की खबरों को खारिज करने के बाद आया है, जिसके मुताबिक उन्होंने संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को उड़ाने के आदेश दिए थे। इस तरह की रिपोर्ट मीडिया में आने के बाद लोशाली ने अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वह अभियान मेरे अंतर्गत नहीं हुआ था। मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं थी।”

उल्लेखनीय है कि ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने बुधवार को अपनी वेबसाइट पर वीडियो जारी किया, जिसमें लोशाली को 16 फरवरी को सूरत में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए दिखा गया है। एक मिनट से थोड़ा अधिक समय के इस वीडियो में तटरक्षक अधिकारी को कहते दिखाया गया है, “मुझे उम्मीद है कि आपको 31 दिसंबर की रात याद है। हमने पाकिस्तान की नौका उड़ा दी थी। मैं गांधीनगर में था और मैंने रात में कहा कि नौका उड़ा दो। हम उन्हें बिरयानी नहीं परोसना चाहते।”

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राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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