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नेशनल

सम-विषम पर समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करेगी दिल्ली सरकार

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार सोमवार को सम-विषम परिवहन योजना के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी) के समक्ष समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करेगी। दिल्ली सरकार ने दो दिन पहले इस योजना को फिलहाल स्थगित करने का फैसला किया था और कहा था कि सरकार हरित न्यायालय से इस योजना के अंतर्गत महिलाओं और दोपहिया वाहनों को छूट देने का आग्रह करेगी। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करने को लेकर सवाल पूछा और आश्चर्य जताते हुए कहा कि शनिवार को सरकार द्वारा इस संबंध में दिया गया बयान क्या मीडिया को आकर्षित करने का हथकंडा था।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए कहा, दिल्ली सरकार की ओर से सम-विषम योजना के संबंध में कोई समीक्षा याचिका दाखिल नहीं की गई है, जैसा कि सरकार ने पहले कहा था। क्या इस संबंध में दिया गया बयान केवल मीडिया के लिए था?

एनजीटी में मंगलवार को पूरे दिल्ली में वायु प्रदूषण के सभी मामलों पर सुनवाई होगी।

हरित न्यायालय ने शनिवार को जनवरी और अप्रैल 2016 में लागू की गई सम-विषम योजना में दी गई छूट को हटाकर इस बार यह योजना लागू करने के लिए कहा था।

दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह सोमवार को इस संबंध में हरित न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाएगी और न्यायालय से महिला चालकों और दोपहिया वाहनों को इस योजना से छूट देने का आग्रह करेगी। एनजीटी के फैसले के बाद, दिल्ली सरकार इसे दोबारा लागू करने पर विचार करेगी।

दिल्ली के वायु प्रदूषण की ‘खतरनाक स्थिति’ को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम व नियंत्रण प्राधिकरण(इपीसीए) की सलाह और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(जीआरएपी) के अंतर्गत 13 से 17 नवंबर को सम-विषम योजना लागू किया जाना था।

पिछले वर्ष, महिलाओं, दोपहिया वाहनों, स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चों को ले जाने वाले वाहनों और अति महत्वपूर्ण लोगों को इस योजना से छूट दी गई थी।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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