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स्मॉग कहर पर HC ने सरकार को लगाई कड़ी फटकार, कहा- प्रदूषण रोकने को उठाये सख्त कदम

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नई दिल्ली। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 451 तक जा पहुंचा है, जबकि इसका अधिकतम स्तर 500 है। इस हवा में सांस लेने का मतलब है करीब 50 सिगरेट रोज पीने जितना धुआं आपके शरीर में चला जाता है। दिल्ली में मौजूदा स्मॉग को लेकर आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्मॉग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकारों ने दिल्ली को गैस चैम्बर बना डाला है।

वही एनजीटी ने भी इस मामले में कड़ा कदम उठाते हुए राज्य में निर्माण कार्य को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकार को आदेश दिए गए हैं कि वह राष्ट्रीय राजधानी से सटे इलाकों में फसलों को जलाने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। इस बीच हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण को ध्यान में रखकर आपात बैठक तत्काल बुलाई जाये।

इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर केंद्र्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को दिल्ली और एनसीआर के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ 3 दिन के भीतर बैठक करने को कहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट दिल्ली सरकार को भी कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि वाहनों के परिचालन के लिए दोबारा से सम विषम फार्मूला लागू करने पर भी विचार करने को बोला है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, यह स्वास्थ्य की आपात स्थिति है, क्योंकि शहर व्यावहारिक रूप से गैस चैंबर में बदल गया है। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “धुंध एक जटिल मिश्रण है और इसमें विभिन्न प्रदूषक तत्व जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और धूल कण मिले होते हैं।

यह मिश्रण जब सूर्य के प्रकाश से मिलता है तो एक तरह से ओजोन जैसी परत बन जाती है। यह बच्चों और बड़ों के लिए एक खतरनाक स्थिति है। फेफड़े के विकारों और श्वास संबंधी समस्याओं वाले लोग इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।”डॉ. अग्रवाल ने कहा, “वायु प्रदूषण हर साल दिल्ली में 3,000 मौतों के लिए जिम्मेदार है, यानी हर दिन आठ मौतें। दिल्ली के हर तीन बच्चों में से एक को फेफड़ों में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगले कुछ दिनों तक घर के अंदर रहने और व्यायाम या टहलने के लिए बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।”

आईएमए ने दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों के लिए सलाह या एडवाइजरी जारी करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से पहले ही अपील की है, ताकि रेडियो, प्रिंट और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न मीडिया माध्यमों से इसे प्रसारित किया जा सके। 19 नवंबर को एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन को रद्द करने के लिए भी अनुरोध किया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, “जब भी आद्र्रता का स्तर उच्च होता है, वायु का प्रवाह कम होता है और तापमान कम होता है, जब कोहरा बन जाता है। इससे बाहर देखने में दिक्कत आती है और सड़कों पर दुर्घटनाएं होने लगती हैं। रेलवे और एयरलाइन की सेवाओं में भी देरी होने लगती है। जब वातावरण में प्रदूषण का स्तर उच्च होता है तो प्रदूषक कण कोहरे में मिल जाते हैं, जिससे बाहर अंधेरा छा जाता है। इसे ही स्मॉग कहा जाता है उन्होंने कहा, “धुंध फेफड़े और हृदय दोनों के लिए बहुत खतरनाक होती है।

सल्फर डाइऑक्साइड की अधिकता से क्रोनिक ब्रॉन्काइटिस हो जाती है। उच्च नाइट्रोजन डाइऑक्साइड स्तर से अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। पीएम10 वायु प्रदूषकों में मौजूद 2.5 से 10 माइक्रोन साइज के कणों से फेफड़े को नुकसान पहुंचता है। 2.5 माइक्रोन आकार से कम वाले वायु प्रदूषक फेफड़ों में प्रवेश करके अंदर की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रक्त में पहुंचने पर ये हृदय धमनियों में सूजन कर सकते हैं।”

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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