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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप का खुलासा : सोशल मीडिया के सहारे बना दुनिया के सबसे ताकतवर देश का राष्ट्रपति

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न्यूयॉर्क | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्विटर के जरिए मीडिया और अपने विरोधियों पर निजी हमले करने को लेकर होने वाली अपनी आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बिना राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। अमेरिकी चैनल फॉक्स बिजनेस नेटवर्क पर प्रसारित साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह अपने फॉलोअर्स से सीधे बात कर अनुचित मीडिया कवरेज से बच सकते हैं।

ट्रंप ने कहा, “ट्वीट करना टाइपराइटर की तरह है। जब भी मैं लिखता हूं तो यह आप तुरंत इसे अपने शो में दिखा देते हैं। मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यदि मैं सोशल मीडिया पर नहीं होता तो शायद ही मैं यहां होता।”

फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के अपने खातों को एक बेहतरीन मंच बताते हुए उन्होंने कहा, “जब भी कोई मेरे बारे में कुछ भी कहता है तो मैं उस पर अपना पक्ष रखता हूं।”

कई नेताओं ने ट्रंप से ट्विटर के इस्तेमाल से बचने और इसका कम इस्तेमाल का आग्रह किया है। ट्रंप ने स्वीकार किया कि कुछ दोस्तों ने उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने का सुझाव दिया।

ट्रंप के ट्विटर पर 4.09 करोड़ फॉलोअर हैं। ट्रंप समाचार मीडिया और अपने राजनीतिक विरोधियों पर जवाबी हमले करने के लिए नियमित तौर पर ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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