अन्तर्राष्ट्रीय
स्पेन के प्रधानमंत्री ने कैटलन अलगाववादियों की दी समय-सीमा
मैड्रिड, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| स्पेन के प्रधानमंत्री मैरियानो राजॉय ने कैटलोनिया के अलगाववादी नेता को यह कहने के लिए पांच दिन का समय दिया है कि उन्होंने आजादी का ऐलान किया है या नहीं। बीबीसी ने बुधवार को बताया कि यदि कैटलन नेता कार्ल्स पुइग्डमोंट सोमवार तक पुष्टि करते हैं, तो उन्हें घोषणा को वापस लेने के लिए और तीन दिन का समय दिया जाएगा। ऐसा न करने पर, मैड्रिड संविधान के अनुच्छेद 155 को लागू करेगा, ताकि वह क्षेत्र की स्वायत्तता को निलंबित कर सके और सीधी नियम लागू कर सके।
कैटलन नेताओं ने मंगलवार को स्वतंत्रता की घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, उन्होंने मैड्रिड के साथ बातचीत को अनुमति देने के लिए इसके कार्यान्वयन को रोक दिया था।
स्पेन में अलगाववादी सरकार द्वारा 1 अक्टूबर को कैटलोनिया में विवादित जनमत संग्रह आयोजित किए जाने के बाद से अशांति का माहौल रहा है। इस जनमत संग्रह को देश के संवैधानिक न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया था।
कैटलन के अधिकारियों ने कहा, लगभग 90 प्रतिशत मतदाताओं ने 43 प्रतिशत मतदान के साथ स्वतंत्रता का समर्थन किया, स्वतंत्रता विरोधी मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर मतदान का बहिष्कार किया और अनियमितताओं की कई रिपोर्टे सामने आई थीं।
राष्ट्रीय पुलिस भी हिंसक श्यों में दिखी थी और उसने मतदान को रोकने की कोशिश की थी।
राजॉय ने कहा कि उनकी सरकार ने क्षेत्रीय सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि क्या उन्होंने स्वतंत्रता की घोषणा की है या नहीं। उन्होंने पुइगडेमोंट पर ‘जानबूझकर भ्रम’ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘निश्चितता’ बहाल करना चाहते हैं।
राजॉय ने कहा, कैटोलिना जिस समस्या से गुजर रहा है, उसे खत्म करने की काफी जरूरत है, ताकि उसे सुरक्षा, शांति और धीरज को जितनी जल्दी हो जके उतनी जल्दी उस राह पर वापस ले जाया जा सके।
राजॉय ने बुधवार सुबह कैबिनेट की आपात बैठक को बुलाया, ताकि सरकार के अगले कदम पर चर्चा की जा सके।
सदन में राजॉय ने कहा कि स्पेन अपनी 40 के लोकतंत्र में सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।
विपक्षी के समाजवादी नेता, प्रेडो सांचेज ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी और सरकार संकट की समाप्ति के लिए संवैधानिक सुधार का उपयोग करने की संभावना की जांच करने के लिए सहमत हुई हैं।
उन्होंने कहा, यह सुधार कैटलोनिया स्पेन में कैसे रह सकता है, और यह कैसे नहीं छोड़ सकता है पर केंद्रित होगा।
बार्सिलोना में कातालान संसद में संबोधित करते हुए पुइग्डमोंट ने मंगलवार की शाम कहा कि स्वायत्त क्षेत्र ने मतदान के परिणामस्वरूप स्वतंत्र होने का अधिकार जीता था।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में कैटलोनिया को मान्यता देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ‘लोगों की इच्छा’ मैड्रिड से अलग होने की थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर तनाव को ‘बढ़ाना नहीं’ चाहता है।
कैटलोनिया स्पेन के सबसे धनी क्षेत्रों में से एक है, लेकिन कंपनियों के एक समूह ने संकट के जवाब में प्रांत से अपने मुख्यालय स्थानांतरित करने की योजना की घोषणा की है।
यूरोपीय संघ ने स्पष्ट किया है कि स्पेन से कैटलोनिया को विभाजित करना चाहिए, जिसके बाद यह क्षेत्र यूरोपीय संघ का हिस्सा के रूप में जाना जाएगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे
नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।
रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।
आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।
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