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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत, जिबूती के बीच समुद्री सहयोग और नवीकरणीय ऊर्जा पर चर्चा

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जिबूती, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बुधवार को जिबूती में अपने समकक्ष उमर गुलैह के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और इस दौरान दोनों नेताओं ने समुद्री सहयोग और नवीकरणीय ऊर्जा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट कर बताया, जिबूती में जिबूती के राष्ट्रपति उमर गुलैह ने प्रेसीडेंशियल पैलेस में राष्ट्रपति कोविंद का औपचारिक स्वागत किया और इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।

ट्वीट के अनुसार, राष्ट्रपति कोविंद ने वर्ष 2015 में राहत अभियान के दौरान समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति गुलैह को धन्यवाद किया और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान समुद्री सहयोग और नवीकरणीय ऊर्जा पर चर्चा हुई।

राहत अभियान वर्ष 2015 में यमन संकट के दौरान वहां से भारतीय नागरिकों को अन्य विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चलाया गया था। यह संकट यमन में सऊदी अरब और गठबंधन सेना के वहां सैन्य हस्तक्षेप के बाद पैदा हुआ था।

अभियान के दौरान 4,640 भारतीय नागरिकों के साथ 960 विदेशी नागरिकों को यमन से सुरक्षित बाहर निकाला गया था।

राष्ट्रपति भवन ने एक अन्य ट्वीट में कहा, राष्ट्रपति कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में जिबूती की जल्द सदस्यता का आह्वान किया और सौर ऊर्जा संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालिक राष्ट्रपति फ्रांस्वा होलांद ने 30 नवंबर 2015 को भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र कांफ्रेंस ऑफ पार्टिज (सीओपी) में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की शुरुआत की थी।

कोविंद जुलाई में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर मंगलवार को जिबूती पहुंचे थे। भारत की ओर से जिबूती में यह पहले राष्ट्र प्रमुख या सरकार स्तर के प्रमुख का दौरा है।

कोविंद अपने दो दिवसीय अफ्रीका दौरे के अंतर्गत यहां के बाद इथोपिया जाएंगे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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