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अन्तर्राष्ट्रीय

ऑस्ट्रिया ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए सहायता पैकेज मंजूर किए

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वियना, 23 सितम्बर (आईएएनएस/डब्ल्यूएएम)। ऑस्ट्रिया की सरकार ने हिंसा के कारण म्यांमार से बांग्लादेश पलायन कर रहे रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए 350,000 यूरो के मानवतावादी सहायता पैकेज को मंजूरी दे दी है। विदेश मंत्री सेबस्टियन कुर्ज ने शनिवार को एक बयान में कहा, ऑस्ट्रिया न केवल म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हिंसा की निंदा करता है, बल्कि उनकी सहायता के लिए भी तत्पर है।

कुर्ज ने कहा कि ऑस्ट्रिया यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के शिविरों में रह रहे हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों तक आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचे।

25 अगस्त को अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) विद्रोहियों ने पुलिस चौकियों पर हमला किया और 12 सुरक्षाकमयों को मार गिराया, जिसके कारण सैन्य कार्रवाई शुरू की गई और रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार छोड़ कर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेने लगे।

म्यांमार ने कहा है कि सेना ने राखिने में अगस्त में किए हमले के जवाब में सैन्य कार्रवाई की थी और आतंकवादियों से जूझ रही थी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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