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पोस्टर में साथ दिखे मायावती-अखिलेश-लालू, कुछ ‘खास’ की तैयारी

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नई दिल्ली। अगले आम चुनाव में भाजपा के 350 सीटें जीतने का लक्ष्य घोषित करने के साथ ही विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरू हो गई है। भगवा दल को टक्कर देने के लिए तमाम पार्टियां अपने मतभेदों को भुलाते हुए एक मंच पर आने की कोशिश में लगे हैं। संभवतया इसीलिए पहली बार मायावती के पोस्टर में धुर विरोधी सपा नेता अखिलेश यादव की तस्वीर नजर आ रही है।

कभी गठबंधन की राजनीति से तौबा करने वाली बसपा ने अपने ट्विटर के जरिए एक फोटो पोस्ट की है। इस फोटो में कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, जेडीयू नेता शरद यादव, आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव टीएमसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ-साथ अखिलेश यादव की भी फोटो है।

अब बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आधिकारिक बयान जारी कर इस पोस्टर को फर्जी बताया है। मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि बसपा का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। मिश्रा ने बयान जारी कर कहा, ‘बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। बीएसपी के ट्विटर हैंडल के नाम से पोस्टर जारी करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।’

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बिहार से राज्यसभा भेजने की पेशकश की थी। यही नहीं कुछ महीनों पहले अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था, ‘मैंने हमेशा मायावती को एक रिश्ते के तौर पर संबोधित किया तो लोगों को लगा कि कहीं हम बीएसपी से गठबंधन न कर लें। हां अगर सरकार के लिए जरूरत पड़ेगी तो देखिए, कोई नहीं चाहेगा कि राष्ट्रपति शासन हो और बीजेपी रिमोट कंट्रोल से उत्तर प्रदेश को चलाएं। इससे बेहतर होगा कि एसपी और बीएसपी साथ मिलकर सरकार बनाएं।’

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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