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भाजपा को 705 करोड़, कांग्रेस को 198 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट चंदा

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| निर्वाचन निगरानी समूह ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि वित्त वर्ष 2012-13 से 2015-16 के बीच चार वर्षो में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 705 करोड़ रुपये का जबकि कांग्रेस को 198 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट चंदा मिला है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, इन चार वर्षो के दौरान कॉर्पोरेट एवं व्यापारिक घरानों ने पांच राष्ट्रीय पार्टियों को कुल 956.77 करोड़ रुपये का चंदा दिया।

इस मामले में कांग्रेस 198.16 करोड़ रुपयों के साथ दूसरे स्थान पर तो है, लेकिन शीर्ष पर मौजूद भाजपा की अपेक्षा कहीं कम है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को सबसे कम कॉर्पोरेट चंदा मिला है, जो क्रमश: चार फीसदी और 17 फीसदी है।

एडीआर की इस रिपोर्ट में भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को राष्ट्रीय पार्टी माना गया है।

मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन एडीआर की रिपोर्ट में बसपा को शामिल नहीं किया गया है।

एडीआर का कहना है कि बसपा को इसलिए शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि पार्टी ने खुद घोषणा कर रखी है कि उसे इस अवधि में किसी भी दानदाता से 20,000 रुपये से अधिक का चंदा नहीं मिला है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश की इन पांच राष्ट्रीय पार्टियों को 1,933 ऐसे दानदाताओं से कुल 384.04 करोड़ रुपये का चंदा मिला है, जिन्होंने चंदे के फॉर्म में पैन नंबर का उल्लेख नहीं किया है।

इसके अलावा इन पार्टियों को कुल 355.08 करोड़ रुपये का चंदा देने वाले 1,546 दानदाताओं ने अपने पतों का भी उल्लेख नहीं किया है।

मजेदार बात यह है कि बिना पैन नंबर और बिना पते वाले इस तरह के कुल चंदों की राशि का 99 फीसदी (159.59 करोड़ रुपया) भाजपा को मिला है।

संयोग की बात यह भी है कि इन दलों को इस अवधि में मिले चंदे की कुल राशि का 60 फीसदी अकेले वित्त वर्ष 2014-15 में मिले, जब देश में लोकसभा चुनाव हुए थे।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक दलों को इस अवधि में सर्वाधिक चंदा देने वालों में 260.87 करोड़ रुपये के साथ सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट सबसे ऊपर रहा। सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2012-13 वित्त वर्ष में कोई चंदा नहीं दिया था और अगले तीन वर्षो में उसने कुल 35 लेनदेन कर सर्वाधिक राशि चंदे में दी।

भाजपा ने सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट से 193.62 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस ने 57.25 करोड़ रुपये और राकांपा ने 10 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की है।

भारत सरकार द्वारा 2013 में शुरू की गई इलेक्टोरल ट्रस्ट योजना के बाद स्थापित हुई जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट इस अवधि में सर्वाधिक चंदा देने के मामले में दूसरे नंबर पर है।

जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने इस दौरान भाजपा को 70.70 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 54.10 करोड़ रुपये का चंदा दिया।

वहीं माकपा और भाकपा को सर्वाधिक चंदा देने वालों में एसोसिएशन और यूनियन सबसे ऊपर हैं। माकपा को विभिन्न एसोसिएशनों से इस अवधि में 1.09 करोड़ रुपये मिले, जबकि भाकपा को 15 एसोसिएशन एवं यूनियन से 14.64 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

वित्त वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय दलों को चंदा देने वालों में रियल एस्टेट सेक्टर सबसे ऊपर रहा और इस वित्त वर्ष में रियल एस्टेट सेक्टर से सभी दलों को कुल 16.95 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

इसमें भी भाजपा सर्वाधिक चंदा पाने वालों में सबसे ऊपर रही। भाजपा को वित्त वर्ष 2012-13 में रियल एस्टेट सेक्टर से कुल 15.96 करोड़ रुपये का जबकि कांग्रेस को 95 लाख रुपये का चंदा मिला।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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