नेशनल
ज्यादातर भारतीयों में विटामिन बी12 की कमी : आईएमए
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)| विटामिन हमारे आहार के महत्वपूर्ण घटक हैं और शरीर को ठीक से काम करने के लिए विभिन्न विटामिनों की जरूरत होती है। इनमें विटामिन बी12 का महत्वपूर्ण स्थान है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, भारतीय जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विटामिन बी12 की कमी से त्रस्त है। विटामिन बी12 या कोबालामिन, तंत्रिका ऊतकों के समुचित कार्य, स्वास्थ्य, मस्तिष्क की प्रक्रियाओं और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक आठ विटामिन बी मंे से एक है। यह डीएनए, आरएनए और न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में भी मदद करता है।
इस विटामिन की लंबे समय तक कमी होने पर एनीमिया, थकान, स्मृति ह्रास, मिजाज बिगड़ना, चिड़चिड़ापन, झुनझुनी या हाथ-पैरों में अकड़न, दृष्टि दोष, मुंह के छालों, कब्ज, दस्त, मस्तिष्क संबंधी बीमारियां और बांझपन जैसी की समस्याएं प्रकट हो सकती हैं। हालांकि, बी12 की कमी की भरपाई की जा सकती है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, हर मिनट हमारा शरीर लाखों लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है। हालांकि, ये कोशिकाएं विटामिन बी12 के बिना विकसित नहीं हो पातीं, फलस्वरूप अनीमिया की शिकायत हो सकती है। ऐसे शिशुओं में विटामिन बी12 की कमी अक्सर हो जाती है, जो पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर करते हैं और किसी तरह का बाहरी पोषण नहीं लेते।
उन्होंने कहा, शाकाहारियों में अक्सर इसकी कमी रहती है। तनाव, भोजन करने की दोषपूर्ण आदतों, आनुवंशिक कारकों और आंतों के रोग जैसे क्रोहन रोग, के चलते बी12 का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता। प्राय: 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में खाद्य पदार्थो से इसे अवशोषित करने की क्षमता कम होती जाती है। पानी में घुलनशील विटामिन होने के कारण पानी का अपर्याप्त सेवन इसके अवशोषण को प्रभावित कर सकता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, बी12 की कमी का पता रक्त के परीक्षण से चल सकता है, जैसे कि पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) और रक्त में विटामिन बी12 के स्तर के परीक्षण से। फोलेट (एक अन्य बी विटामिन) के स्तर को आमतौर पर संबंधित स्थिति के लिए जांचा जाता है, जिसे फोलेट की कमी वाला एनीमिया कहा जाता है।
उन्होंने कहा, निदान के बाद, ऐसे व्यक्ति को आमतौर पर किसी विशेषज्ञ के पास भेजा जाता है। उदाहरण के लिए, रक्त की स्थितियों के लिए हेमेटोलॉजिस्ट, पाचन संबंधी विकार के लिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट तथा विटामिन बी12 युक्त खाद्य पदार्थो के बारे में सलाह के लिए किसी आहार विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दी जाती है।
विटामिन बी12 की कमी रोकने के लिए कुछ सुझाव :
* शराब के अधिक सेवन से बचें। अधिक शराब पीने से जठरांत्र हो जाता है और आंतों के अस्तर को नुकसान पहुंचता है। इससे विटामिन बी12 के अवशोषण में बाधा पहुंच सकती है।
* धूम्रपान छोड़ दें। यह पाया गया है कि आमतौर पर धूम्रपान करने वालों में सीरम विटामिन बी12 का स्तर कम होता है।
* सप्लीमंेट्स लें। शाकाहारी भोजन में विटामिन बी12 की कमी रहती है। इसलिए बी12 युक्त मल्टीविटामिन लेना अच्छा रहता है। इसके अलावा, सोया युक्त खाद्य पदार्थ लें और विटामिन बी12 की अधिकता वाले आहार लें।
* अपने आहार में विटामिन बी6 को शामिल करें। यह विटामिन बी12 के अवशोषण और भंडारण में मदद करेगा। पालक, अखरोट, अंडे और केला आदि बी6 के अच्छे स्रोत हैं।
नेशनल
पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप
पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।
बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।
-
लाइफ स्टाइल18 hours ago
उम्र बढ़ने का असर नहीं दिखेगा त्वचा पर, बस करना होगा यह काम
-
मुख्य समाचार3 days ago
गर्मियों में बिना नींबू के बनाएं ये 5 रिफ्रेशिंग ड्रिंक्स, होती हैं बेहद टेस्टी
-
प्रादेशिक3 days ago
लखनऊ में स्वास्थ्य सेवा निर्माण में एक नई छलांग, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण निर्माण इकाई की हुई स्थापना
-
नेशनल3 days ago
पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में बोले पीएम मोदी- TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं
-
नेशनल3 days ago
मणिशंकर अय्यर ने 1962 में हुए चीनी हमले को बताया कथित, कांग्रेस के लिए किया सेल्फ गोल
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में खाई में गिरी बस, 28 की मौत
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली बनी आग की भट्ठी, टूट गए सारे रिकार्ड, पारा 52 डिग्री के पार
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली में गर्मी ने तोड़े सारे रिकार्ड, 50 डिग्री के करीब पहुंचा पारा