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आज तय होगा देश का अगला राष्ट्रपति, कोविंद की जीत पक्की

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर छिड़ी गहमागहमी गुरुवार शाम पांच बजे तक शांत हो जाएगी। इसका फैसला हो जाएगा कि देश का नया राष्ट्रपति कौन होगा। चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि वोटों के गणित को देखते हुए फिलहाल कोविंद की जीत तय मानी जा रही है।

31 राज्यों में हुए मतदान की मतपेटियां दो दिन पहले ही संसद भवन में पहुंच चुकी हैं। वोटों की गिनती का इंतज़ाम संसद भवन के उसी 62 नंबर हॉल में किया गया है, जहां 17 जुलाई को वोट डाले गए थे।

अगर आंकड़ों को देखें तो कोविंद का पलड़ा मीरा कुमार के मुकाबले कहीं ज्यादा भारी है। कोविंद के जीतने की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि वोटिंग के दिन ही मीरा कुमार पर विपक्ष में पड़ी फूट सबके सामने आ गई थी। ऐसी खबरें भी सामने आई थीं कि समाजवादी पार्टी से लेकर ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस तक के सांसद ने क्रॉस वोटिंग की और पार्टी के स्टैंड से अलग जाकर रामनाथ कोविंद को वोट दे दिया।

इस तरह होगी मतगणना
सबसे पहले पेटियों को खोला जाएगा। मतपेटियों को अल्फाबेट के आधार पर राज्यों को चुनकर खोलेंगे। इसके बाद चार अलग-अलग मेजों पर गिनती होगी।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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